महोली (सीतापुर)| जो देवता मोक्ष प्रदान करते हैं वह भोग नहीं दे सकते। जो देवता भोग दे सकते हैं वह मोक्ष नहीं दे सकता है लेकिन मां भगवती चारों पदार्थ (धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष) प्रदान करती हैं। ‘अन्न देवता यत्रास्ति भोगो नच तत्र मोक्षः श्री जगदम्बिका पाद वृता मनुष्यःचतुर पदार्थः करेन सिद्धिः। जगत जननी मां भगवती ने आराधना से महाभारत में जितने योद्धा वीरगति को प्राप्त हुए सभी को मोक्ष प्रदान किया था।
कस्बे के शक्तिनगर में स्थित मां कात्यायनी मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के तीसरे दिवस रामेश्वरम धाम से पधारे भगवत कृष्ण शास़्त्री देवी महात्म्य का बखान करते हुए यह उद्गार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि बीज मंत्र की महिमा सभी जीवों का कल्याण करने वाला है। ‘ओम ऐ हीं क्लीं चामुण्डाय विच्चे‘। भगवती मां ने सभी देवों की प्रार्थना से महिषासुर दैत्य का उद्धार करके अधर्म पर धर्म की विजय प्राप्त की। उन्होंने मां की महिमा का गुणगान करते हुए कहा ‘या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता, नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः‘। जिस प्रकार देवों ने प्रार्थना की इसी तरह कोई भी जीव मां भक्ति करते हैं मां उनका उद्धार करती हैं। शाम की बेला में सागर मध्य प्रदेश से आए सुबोध अग्निाहोत्री ने मैया की कथा का वर्णन किया। इस दौरान डॉ सतीश चंद्र वर्मा, राजेंद्र प्रसाद, डॉ सदानंद आर्य, दिनेश मिश्र पिंटू, लवकुश शुक्ला, राम किशोर मिश्र, श्याम किशोर दीक्षित समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।
मूर्तियों का हुआ फलाधिवास
मां कात्यायनी मंदिर में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा आयोजन के तीसरे दिवस विद्वान यज्ञाचार्य पं रंगनाथ पांडेय द्वारा गणपति अम्बिका पूजन, वास्तु पूजन, यौगिकी पूजन, क्षेत्रपाल पूजन, नवग्रह पूजन, गौरी तिलक पूजन कराया गया। इसके पश्चात नारायणी हवन कात्यायनी पूजा रहस्य हवन के बाद मंत्रोच्चार के बीच मूर्तियों का फलाधिवास कराया गया तत्पश्चात आरती प्रसाद व आर्शीवाद के सात पूजन सम्पन्न हुआ।