30 जून की शाम से गायब था नवीन राम
आक्रोशित ग्रामीणों ने किया थाने का किया घेराव
थानाध्यक्ष, हल्का दरोगा, सिपाही का निलंबन व एफआईआर दर्ज करने की कर रहे मांग
तीन जुलाई को मृतक के पिता ने चार लोगों के विरुद्ध नामजद दिया था तहरी, हत्या की जताई थी आशंका
बलिया। शनिवार की शाम एक माह से लापता नवीन राम का कंकाल, कपड़ा, आधार कार्ड, चप्पल सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के खरीद दरौली नदी के किनारे मिलने के बाद सैकड़ों की तादात में महिला व पुरुष थाने पर पहुंच जमकर हंगामा किया। ग्रामीणों का आरोप था कि पुलिस की लापरवाही से युवक की जान गई है। अगर पुलिस तत्परता से कार्रवाई की होती तो युवक की जान बच सकती थी। आक्रोशित
ग्रामीण थानाध्यक्ष, हल्का दरोगा व सिपाही के निलंबन की कार्रवाई के साथ ही एफआईआर दर्ज करने की मांग की जा रही है। समाचार लिखे जाने तक प्रदर्शन जारी था। उधर थाने पर अपर पुलिस अधीक्षक उत्तरी अनिल कुमार झा थाने पर जमे हुए हैं।
आपको बता दे कि सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के भाटी गांव निवासी नवीन कुमार 22 वर्ष पुत्र रामरतन राम को 30 जून की शाम गांव के ही बृजेश राय पुत्र स्वर्गीय अवधेश राय अपने साथ बाइक से सिकंदरपुर लेकर आया था। लेकिन नवीन देर रात तक घर नहीं पहुंचा। इसके बाद परिजन बृजेश राय के घर पहुंचे। वहां पता चला कि बृजेश भी घर नहीं आया है। दो दिनों तक नवीन के परिजन तलाश करते रहे। जब उसका पता नहीं चला तो तीन जुलाई को नवीन के पिता रामरतन राम द्वारा सिकंदरपुर थाने में चार लोगों के विरुद्ध नामजद तहरीर दिया गया। जिसमें आरोप लगाया था कि मेरा पुत्र नवीन गांव के ही बृजेश राय के साथ ठेकेदारी का काम करता था। पैसे को लेकर नवीन व बृजेश में कुछ बात थी। बृजेश मेरे पुत्र नवीन को बाइक से सिकंदरपुर घूमने के लिए कह कर ले गया था। आशंका है कि वह उसका अपहरण कर उसके साथ अप्रिय घटना कर सकता है। पुलिस द्वारा तहरीर मिलने के बाद गुमशुदगी दर्ज कर लिया गया और परिजनों को आश्वासन दिया गया कि जल्द ही पता लगा लिया जाएगा।परिजन रोज थाने का चक्कर लगाते रह गए, लेकर पुलिस कान में तेल डालकर सोती रही। इसी बीच शनिवार को सिकंदरपुर में संपूर्ण समाधान दिवस लगा था। जिसमें जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक मौजूद थे। वहां नवीन के पिता जब अपने दामाद के साथ प्रार्थना पत्र लेकर पुलिस अधीक्षक व जिलाधिकारी को देने पहुंचे तो थानाध्यक्ष द्वारा यह कहा गया कि 2:00 तक का समय दीजिए। हम पता कर लेंगे। तभी किसी के द्वारा यह सूचना परिजनों को दी गई की एक युवक का कंकाल, कपड़ा, आधार कार्ड व चप्पल खरीद दरौली नदी किनारे पड़ा हुआ है। इसके बाद नवीन के पिता गांव के प्रधान विनोद कुमार वर्मा और आधा दर्जन लोगों के साथ वहां पहुंचे तो नवीन का कपड़ा, आधार कार्ड व चप्पल पड़ा हुआ था। वहां से परिजन सामान लेकर सिकंदरपुर थाने पहुंच गए। यह सूचना जंगल में आग की तरह पूरे क्षेत्र में फैल गई और देखते ही देखते सैकड़ो की संख्या में महिला व पुरुष थाने पहुंच गए और पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया और जमकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इसके साथ ही थानाध्यक्ष, हल्का दरोगा व सिपाही सहित अन्य पुलिसकर्मियों को निलंबित करते हुए एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की मांग करने लगे। उधर सूचना मिलते ही अपर पुलिस अधीक्षक उत्तरी अनिल कुमार झा, क्षेत्रधिकारी सिकंदरपुर आशीष कुमार मिश्र सहित आधा दर्जनों थाने की फोर्स व फोरेंसिक टीम पहुंच गई और मामले की छानबीन शुरू कर दिया। समाचार लिखे जाने तक थाने पर ग्रामीण डटे रहे और थानाध्यक्ष के निलंबन की कार्रवाई की मांग कर रहे थे।
पैसे के लेन-देन को लेकर हुई हत्या
घर का इकलौता चिराग था नवीन
बलिया। शनिवार की शाम खरीद दरौली घाट के किनारे लापता नवीन के कंकाल, कपड़ा, आधार कार्ड व चप्पल की पुष्टि हुई , वैसे ही युवक की मां राजकुमारी देवी, बहन रमिता व ममता का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। मृतक नवीन घर का इकलौता चिराग था। ग्रामीणों की माने तो नवीन बहुत ही मिलनसार था। नवीन के पिता खेतीबारी करके नवीन को सिविल इंजीनियर की पढ़ाई लखनऊ में कराकर इंजीनियर बनाये थे। वह परिवार का इकलौता कमाऊ सदस्य था। मकान का नक्शा व ठेकेदारी करके अच्छा खासा पैसा कमाता था, लेकिन कुछ लोगों की बुरी नजर नवीन पर पड़ गई और पैसे के लेन-देन में उसकी निर्मम तरीके से हत्या कर दी। जिसको लेकर गांव सहित पूरे क्षेत्र में आक्रोश व्याप्त है।
थाने पहुंचे बसपा के जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश
बलिया। दलित युवक की हत्या की सूचना के बाद बहुजन समाज पार्टी के जिलाध्यक्ष ओमप्रकाश भारती सहित बसपा के दर्जनों नेता थाने पहुँच गए और परिजनों को ढाढ़स बधाते हुए घटना के बारे पूछताछ कर हर सम्भव मदद का भरोसा दिलाया।
एएसपी ने मीडियाकर्मियों को नहीं दिया बाइट
बलिया। अपर पुलिस अधीक्षक उत्तरी अनिल कुमार झा थाने पर ही मौजूद रहे। जब मीडियाकर्मियों ने उनसे बाइट लेना चाहा तो उन्होंने इनकार कर दिया। कहाकि क्षेत्राधिकारी सिकंदरपुर बाइट देंगे। यहां तक कि कार्यालय में बैठे रहे। लेकिन ग्रामीणों को आश्वासन वे मुनासिब नहीं समझा।