उत्तर प्रदेश: उत्तर प्रदेश में एमबीबीएस (MBBS) की पढ़ाई हिंदी माध्यम से कराई जाएगी. चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक किंजल सिंह ने सभी मेडिकल कॉलेजों, संस्थानों और केजीएमयू (KGMU) को पत्र भेजकर हिंदी में पढ़ाई शुरू करने का निर्देश दिया है. मेडिकल कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि 31 अक्टूबर को शासन की ओर से एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में पढ़ाई शुरू करने का निर्देश दिया गया है. इसलिए आदेश का पालन सख्ती से कराना सुनिश्चित करें.
हिंदी में होगी एमबीबीएस की पढ़ाई
बता दें कि एमबीबीएस की पढ़ाई को हिंदी में कराए जाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिलचस्पी दिखाई थी. मुख्यमंत्री की मंशा सामने आने के बाद चिकित्सा शिक्षा विभाग ने तैयारी की दिशा में कदम आगे बढ़ा दिए थे. पिछले वर्ष चिकित्सा शिक्षा विभाग के निर्देश पर महानिदेशालय ने कमेटी का गठन किया था. कमेटी की रिपोर्ट देर से आने के कारण व्यवस्था लागू नहीं हो पाई थी. अब शुरू हुए एमबीबीएस के सत्र से हिंदी में हिंदी में पठन- पाठन कराना सुनिश्चित किया जाएगा.
मेडिकल कॉलेजों को भेजा गया पत्र
हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई का मकसद हिंदी भाषी छात्रों के लिए आसान बनाना है. एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों को एनाटॉमी, फिजियोलॉजी और बायो-केमिस्ट्री पढ़ना पड़ता है. एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो आरसी गुप्ता ने बताया कि तकनीकी शब्द अंग्रेजी में रखे गए हैं. छात्रों की आसानी के लिए तकनीकी शब्दावली को हिंदी से भी समझाने की कोशिश की गई है.
केजीएमयू में फिजियोलॉजी विभाग के प्रमुख प्रोफेसर एनएस वर्मा ने कहा कि एमबीबीएस कोर्स के विषयों की करीब-करीब सभी किताबें हिंदी में तैयार की गई हैं. कुछ किताबों की समीक्षा भी की जा रही है. उन्होंने कहा कि रूस, चीन, जापान समेत कई देश मातृभाषा में पढ़ाई कराते हैं.