रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हुए कैलाशपुरी के महंत,अनहोनी की आशंका

जंगल में काफी खोजबीन के बाद स्थानीय पुलिस, डॉग स्क्वायड सहित सर्विलांस एवं एनडीआरएफ टीम लौटी खाली हाथ

मसौली, बाराबंकी। बीती रात्रि सफदरगंज थाना क्षेत्र के ग्राम मुश्कीनगर स्थित कैलाशपुरी आश्रम के महन्त किशोरपुरी रहस्यमय परिस्थितियों में लापता होने पर डॉग स्क्वायड, सर्विलांस, एनडीआरएफ टीम एवं सफदरगंज पुलिस सहित कई थानों की पुलिस फोर्स लापता महन्त की तलाश में जुटी रही।लेकिन देर शाम तक महन्त का पता नही चल सका। आश्रम से करीब 2 सौ मीटर की दूरी पर कमंडल, टूटा हुआ मोबाइल आदि मिलने से किसी अनहोनी घटना से इंकार नही किया जा सकता हैं।बताते चले की सफदरगंज थाना क्षेत्र के रहरामऊ एवं मुश्कीनगर के बीच फैले करीब 5 हजार बीघे के जंगल के किनारे बाबा पंचमदास नाम जूना अखाडा का कैलाशपुरी आश्रम है। करीब 30 वर्षो से आश्रम मे रह रहे 50 वर्षीय महन्त किशोरपुरी बीती रात्रि रहस्यमय परिस्थितियों में लापता हो गये शुक्रवार की भोर महन्त के साथ मे ही रहने वाले मुश्कीनगर निवासी चंद्रप्रसाद उर्फ़ चंदू पुत्र राधेश्याम ने देखा कि महन्त अपने बिस्तर पर नही है काफी देर तक इंतजार के बाद भी पता न चलने पर ग्राम प्रधान राहुल वर्मा को जानकारी दी जिसकी सूचना थाने पर देने के बाद मौक़े पर पहुंचे प्रभारी निरीक्षक सुधीर कुमार सिंह ने जंगल व जंगल के बीच बह रही कल्याणी नदी तक तलाश की तो आश्रम से करीब 2 सौ मीटर की दूरी पर महन्त की फ़टी हुई बनियान, मोबाईल के टुकड़े, कमंडल, चप्पल पड़े मिले जिससे किसी अनहोनी की घटना से हलकान सफदरगंज पुलिस ने उच्च अधिकारियों को सूचना दी। मौक़े पर पहुंचे पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार, क्षेत्राधिकारी सदर सुमित त्रिपाठी, प्रभारी निरीक्षक मसौली अरुण प्रताप सिंह व जैदपुर अमित प्रताप सिंह सहित एसओजी, सर्विलांस, एनडीआरएफ व डाग स्कावाड के जरिये लापता महन्त की तलाश की जा रही है लेकिन देर शाम तक पता नही चल सका।

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आश्रम के नाम करोड़ों रुपए की है कीमती जमीन

मसौली, बाराबंकी। स्थानीय लोगों एवं सफदरगंज पुलिस के अनुसार लापता महन्त किशोरपुरी मूल रूप से बुलंदशहर के थाना अनुपशहर के ग्राम नारेन्द्रपुर के रहने वाले है जो वर्ष 1995 मे अपने गुरु छबिनाथपुरी के साथ इस आश्रम मे रहने लगे तथा महन्त छबिनाथपुरी की मृत्यु के बाद किशोरपुरी आश्रम के महन्त बनाये गये। किशोरपुरी के महन्त बनने के बाद से ही मुश्कीनगर निवासी चंदू भी रात्रि मे आश्रम में रहता था जो अलग अलग बने छप्पर एव टीनशेड़ के नीचे सोते थे।कैलाशपुरी आश्रम वैसे तो घने जंगल के किनारे है लेकिन आश्रम के निकट ही बसे व्यवसायिक कस्बा सफदरगंज होने के कारण आश्रम के किनारे तक आवासीय प्लांटिंग हो रही है। करीब 8 बीघे मे फैले आश्रम की जगह कीमती बताई जा रही है। यही नही जूना आखाडा के इस कैलाशपुरी आश्रम के नाम ग्राम मुस्काबाद बिरौली में करीब 60 बीघा जमीन व अमरादेवी में जमीन है जिसे महन्त ने कंट्राफ पर उठा रखा है। यही नही आश्रम के निकट ही एक पूर्वांचल के व्यक्ति ने भट्ठा चला रहा है। बहरहाल महन्त के रहस्यमय परिस्थितियों पुलिस के लिए तलाश करना चुनौती बना हुआ है।

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