योगी सरकार में रौशन हो रही महिलाओं की जिंदगी

– उत्तर प्रदेश की नारी शक्ति को आत्मनिर्भर बना रही सीएम योगी की ‘विद्युत सखी योजना’

– सरकार का राजस्व बढ़ाने के साथ खुद भी स्वावलंबी बन रही विद्युत सखियां

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बाराबंकी के रामनगर विकास खंड स्थित सिलौटा गांव की विद्युत सखी राजश्री शुक्ला ने न केवल विद्युत सखी योजना से जुड़कर अपने परिवार की आय बढ़ाई, बल्कि प्रदेश की अन्य महिलाओं के लिए एक मिशाल भी बनीं। वह खुद तो स्वावलंबी बनी हीं, साथ में गांव की अन्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रेरित कर रहीं हैं और योगी सरकार की योजनाओं के बारे में लोगों को बता रही हैं। वह अपने साथ ही ग्रामीण जीवन में भी बदलाव ला रही हैं। साथ ही बिजली सखी के रूप में घर-घर जाकर बिजली बिल जमा करके ग्रामीणों को बिलों का भुगतान करने के लिए लंबी-लंबी कतारों में खड़े होने के बोझ से छुटकारा दिला रही हैं।

जुलाई-24 में प्रदेश में शीर्ष दस सबसे अधिक कमीशन अर्जित करने वाली बीसी सखियों में अपना नाम दर्ज कराया

राजश्री शुक्ला ने बताया कि वह ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर बिजली का बिल जमा करती हैं, जिससे ग्रामीणों का समय तो बचता ही है, साथ ही लंबी लाइन से उन्हें छुटकारा भी मिल जाता है। राजश्री शुक्ला ने बताया कि वह 50,000 रुपये से अधिक कमीशन प्रतिमाह कमा रही हैं। उन्होंने जुलाई-24 में 81,900 रुपये का कमीशन अर्जित कर प्रदेश की दस सबसे अधिक कमीशन अर्जित करने वाली बिजली सखियों में अपना नाम दर्ज कराया है। वह बताती हैं कि वह स्वयं सहायता समूह के जरिए विद्युत सखी बनी हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बैंकिंग सखी की तर्ज पर हम लोगों को बिजली सखी से जोड़कर हमारे जीवन को खुशहाल बना दिया है। मैं इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद देती हूं। आज मैं बिजली का बिल जमा कराकर उससे मिलने वाले कमीशन से अपने परिवार का बखूबी ख्याल रख रही हूं। इससे मेरी और मेरे परिवार की आय में वृद्धि हुई है।

30 हजार से अधिक महिलाएं बिजली सखी के लिए चयनित

उत्तर प्रदेश की नारी शक्ति को सशक्त, आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने का सीएम योगी का प्रयास रंग लाने लगा है। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक दीपा रंजन ने बताया कि महिला स्वावलंबन के लिए चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उठाकर नारी शक्ति प्रदेश के विकास में कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं। इसी क्रम में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 10,500 से अधिक विद्युत सखियों ने 1120 करोड़ रुपये से अधिक का बिजली बिल जमा कराकर 14.6 करोड़ रुपये कमीशन प्राप्त कर अपना और परिवार का जीवन रौशन किया है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर अब तक स्वयं सहायता समूह के जरिये 30,000 महिलाओं को चयनित किया जा चुका है, जिसमें से 10,500 से अधिक विद्युत सखियां पहले से ही पूरे प्रदेश में कार्य शुरू कर दिया है। यह ग्रामीण और शहरी इलाकों में मीटर रीडिंग और बिजली के बिल का कलेक्शन कर रही हैं। इसके लिए उन्हे विद्युत सखी ऐप उपलब्ध कराया गया है, जिसमें वह लॉगिन करके बिजली बिल बनाकर उसका कलेक्शन करती हैं और ऐप के जरिए ही यूपीपीसीएल को बिल का भुगतान करती हैं।

ऐप के जरिये ही प्राप्त हो जाता है कमीशन

बिल का भुगतान करते ही उनका कमीशन भी ऐप पर तुरंत आ जाता है। ऐसे में उन्हे विद्युत उपकेंद्र तक भी नहीं जाना होता है। इस योजना से जुड़ने के लिए विद्युत सखी को पहली बार ऐप पर 30 हजार रुपये का रिचार्ज करना होता है। इसके लिए स्वयं सहायता समूह के जरिए 30 हजार रुपये 4 प्रतिशत ब्याज पर दिया जाता है। पहली बार रिचार्ज कराने के बाद विद्युत सखी दोबारा अपने अनुसार रिचार्ज कर अपना काम करती हैं।

प्रतिमाह 8 हजार रुपये तक कमा रहीं बिजली सखी

मिशन निदेशक ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में दो हजार तक के प्रति बिजली बिल के भुगतान पर विद्युत सखी को 20 रुपये दिए जाते हैं, जबकि दो हजार रुपये से अधिक के प्रति बिजली बिल के भुगतान पर 1 प्रतिशत कमीशन दिया जाता है। वहीं शहरी क्षेत्रों में तीन हजार तक के प्रति बिजली बिल भुगतान पर 12 रुपये और तीन हजार रुपये से ज्यादा के बिजली बिल भुगतान पर .4 प्रतिशत कमीशन दिया जाता है। इससे बिजली सखी हर माह करीब 6 से 8 हजार रुपये कमा रही हैं।

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