स्मैक और गांजे के कश में धुआं बनकर उड़ रही युवाओं की जिंदगी, प्रशासन खामोश!

  • नशे के पनपते इस कारोबार को रोकने के लिए सरकार व पुलिस के साथ-साथ क्षेत्रवासियों को भी आना होगा आगे
  • तभी बढ़ते स्मैक,अफीम,चरस,गांजा इत्यादि नशे के कारोबार पर लगाई जा सकती है रोक

लखनऊ। पुलिस कमिश्नरेट के जानकीपुरम थानक्षेत्र के मड़ियाव गांव सहित क्षेत्र में जगह जगह स्मैक,अफीम,चरस,गांजा इत्यादि नशे का कारोबार धड़ल्ले से किया जा रहा है, थानक्षेत्र की गलियों में बिक रही यह नशीली वस्तुएं युवाओं की जिंदगी तबाह कर रही हैं। स्थिति यह है कि क्षेत्र में जगह-जगह खुलेआम स्मैक की बिक्री हो रही है।गली मोहल्लों में गांजा और चरस आसानी से मुहैया हो रहा है। लेकिन पुलिस प्रशासन बेखबर है। थानाक्षेत्र में चल रहे इस अवैध कारोबार की लिखित शिकायत शनिवार को संपूर्ण समाधान दिवस में मड़ियाव गांव में कृष्ण विहार कालोनी निवासी सोमेन्द्र त्रिपाठी ने जिलाधिकारी सूर्यपाल गंगवार से कर युवा पीढ़ी को इस नशे के दलदल से निकालने की मांग की,जिसपर जिलाधिकारी ने सहायक पुलिस आयुक्त अलीगंज को तत्काल नशे के कारोबारियों पर कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं।अब देखना होगा कि जिलाधिकारी के निर्देशों के बाद जानकीपुरम थानक्षेत्र में नशे के कारोबारियों पर कार्रवाई की जाती है, या फिर यह कारोबार बदस्तूर जारी रहता है।
जानकीपुरम क्षेत्र के सैकड़ों नागरिकों का कहना है कि बीते एक साल से एक भी नशे के कारोबारियों पर प्रशासनिक चाबुक नही चला हैं। बता दें कि जानकीपुरम व आसपास के क्षेत्रों में कई वर्षों से स्मैक,अफीम,चरस व गांजे का अवैध कारोबार खुलेआम हो रहा हैं। क्षेत्र में कुकुरमुत्ते की तरह फैला यह नशे का व्यापार तेजी से लोगों के बीच नशा बांट रहा हैं। लेकिन इस अवैध व्यापार को रोकने के लिए नारकोटिक्स एक्ट बनाया गया है, लेकिन पुलिस व आबकारी विभाग अवैध शराब, स्मैक,अफीम,चरस, गांजे की बिक्री पर अंकुश नहीं लगा पा रहा हैं।जानकीपुरम थानक्षेत्र में इस समय युवा नशे की गिरफ्त में फंसते जा रहे हैं।जानकीपुरम व उसके आसपास क्षेत्रों में अब यह जानलेवा नशा खूब बिकने लगा है। अनेक युवा इस नशे की लत में पढ़कर अपनी जिंदगी भी बर्बाद कर चुके हैं। यह नशा दिन-प्रतिदिन क्षेत्र में अपने पांव पसारता जा रहा है। यदि इस पर नकेल नहीं कसी गई तो यह नशा क्षेत्र के युवाओं के साथ साथ उनके परिवारों को बर्बाद करके रख देगा।इस नशे के पनपते कारोबार को रोकने के लिए सरकार व पुलिस प्रशासन के साथ-साथ क्षेत्रवासियों को भी आगे आना होगा, तभी बढ़ते नशे के कारोबार पर रोक लगाई जा सकती है। ऐसा भी नहीं है,कि सरकार इसको लेकर गंभीर व चिंतित न हो। प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री ने जहां नशे पर रोक लगाने के लिए कड़े कदम उठा रहे है, वहीं लखनऊ मोहनलालगंज क्षेत्र के सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री भी प्रदेश सहित देश के कई राज्यों में बढ़ रहे नशे के खिलाफ अपनी आवाज निरंतर उठा रहे हैं। यदि इस पर नकेल नहीं कसी गई तो इसके भारी परिणाम भुगतने पड़ सकते है। क्षेत्रवासियों के अनुसार अब उनको अपने बच्चों को पढ़ाई की कम नशे से दूर रखने की चिंता ज्यादा सताने लगी है। उन्होंने पुलिस प्रशासन से न केवल नशा बेचने, बल्कि नशा करने वालों पर भी सख्त कार्रवाई करने की मांग की है, ताकि आने वाली पीढ़ी इस नशे से बच सके।

जहां मौका मिला चढ़ा लेते हैं

अक्सर देखा जाता है कि नशे के आदी व्यक्ति कहीं भी चरस,गांजा की चिलम सुलगाने लगते है।और कहीं भी स्मैक का नशा करने लगते हैं।चाहे वह सार्वजनिक स्थान हो या फिर खुला मैदान, इतना ही नही इस तरह का नशा करने वाले लोग सड़क के किनारे भी बैठ कर चिलम चढ़ाने लगते हैं। जानकारी के अनुसार स्मैक,अफीम,गांजे और चरस का कारोबार रसूखदार पुलिस के संरक्षण में कर रहे हैं। और इन नशे को अधिकतर युवा एवं छोटे तबके के लोग कर रहे हैं।

मड़ियाँव गांव में थोक व फुटकर में बिक रहे नशीले पदार्थ

शिकायतकर्ता सोमेन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि जानकीपुरम थाना क्षेत्र के अंतर्गत मड़ियाँव गांव के रहने वाले राम प्रसाद पासी पुत्र रूपचन्द्र व संजय पासी पुत्र राम प्रसाद व राहुल पासी पुत्र राजेश व सुमन रावत पत्नी राजेश बड़े पैमाने पर अफीम , गाँजा , स्मैक का व्यापार काफी दिनों से करते चले आ रहे हैं, यह लोग मादक पदार्य थोक व फुटकर में बेचते है। जिससे लाखो रूपये अर्जित करते हैं इनके गैर कानूनी कार्य से समाज की नई पीढ़ी नशे के दलदल में फंसती चली जा रही है। जिससे बहुत से लोग बर्बाद हो गये हैं। इन लोगों का एक संगठित गिरोह है, जो मादक पदार्थों की बिक्री करता है। जहां सरकार संगठित गिरोहबन्द माफियाओं के दमन के लिए कटिबद्ध है, वहीं दूसरी ओर यह ड्रग्स माफिया सरकार और कानून व्यवस्था के लिये चुनौती बने हुए है।

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