फतेहपुर-बाराबंकी। कोतवाली क्षेत्र के ग्राम बसारा के जंगल में युवक का शव मिलने से हड़कंप मच गया। उसकी पहचान कपड़ों व चप्पल से की गई। वही परिजनों ने उसके दोस्त व युवती पर हत्या का आरोप लगाया है।
लखनऊ क्षेत्र के थाना गुडंबा अन्तर्गत चक गांव से 7 अगस्त से लापता दुर्गेश यादव की हत्या कर दी गई थी। बृहस्पतिवार को उसका शव (कंकाल) बाराबंकी के फतेहपुर के जंगल में मिला है। मृतक की पहचान परिजनों ने कंकाल के पास मिले कपड़े और चप्पल से की है। फतेहपुर पुलिस ने पंचनामा भर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। परिजनों के मुताबिक युवक का देवा की एक युवती से प्रेम प्रसंग था। गांव के एक युवक और युवती ने मिलकर दुर्गेश की हत्या कर शव को जंगल मे फ़ेंक दिया था। बेहटा के चक गांव निवासी ठाकुर प्रसाद का दूध का कारोबार है। उनका बड़ा लड़का दुर्गेश यादव (22) निजी गाड़ी चलाता है। पिता के मुताबिक 7 अगस्त को किसी का फोन आने दुर्गेश कुछ देर में आने की बात कहकर चला गया था। देर रात तक घर नहीं आने पर उससे संपर्क किया गया तो उसका फोन बंद था। दूसरे दिन परिचितों और रिश्तेदारों में तलाश करने पर भी उसका कुछ पता नहीं चला।
परिजनों ने बेहटा चौकी इंचार्ज व दरोगा पर लगाया लापरवाही का आरोप
मृतक के परिजनों ने गुडंबा के बेहटा चौकी इंचार्ज व दरोगा पर लापरवाही लगाते हुए बताया, कि 15 अगस्त को गुडंबा थाने में गुमशुदगी दर्ज करा दी गई थी। विचेचक बेहटा चौकी ने बेटे को तलाशने का कोई भी प्रयास नहीं किया। वही बेटे की तलाश में जुटे परिजनों को पता चला कि दुर्गेश गांव के ही एक युवक मनीष रावत के साथ उसकी बाइक से देवा में लड़की से मिलने गया था। परिजनों से मिली जानकारी पर पुलिस ने युवक और युवती से जब सख्ती से पूछताछ की। तो मनीष ने दुर्गेश के साथ जंगल में जाने की बात स्वीकार की। गौरतलब है पुलिस ने मनीष को छोड़ दिया है। वहीं बेटे को जंगल में तलाश रहे परिजनों को बृहस्पतिवार सुबह बसारा के जंगल में एक कंकाल दिखाई दिया। कंकाल के पास पड़े कपड़े और चप्पल से परिजनों ने दुर्गेश के रूप में उसकी पहचान की। इस सम्बन्ध में कोतवाल डी.के सिंह ने बताया, प्रथम दृष्टया यह घटना प्रेम प्रसंग का लग रहा है। अवशेष कंकाल को पीएम के लिए भेज दिया गया है रिपोर्ट आने के बाद विधिक कार्रवाई की जाएगी।