प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज संस्कृत, संस्कृति और भारतीय सभ्यता उठ खड़ी हुई है: योगी आदित्यनाथ

-सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से मुख्यमंत्री ने पूरे प्रदेश में संस्कृत छात्रवृत्ति योजना का किया शुभारंभ

-श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में किया दर्शन-पूजन

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को यहां सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से पूरे प्रदेश में संस्कृत छात्रवृत्ति योजना की शुरूआत की। कार्यक्रम में 69,195 विद्यार्थियों को 586 लाख की छात्रवृत्ति का वितरण किया गया । भव्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कंप्यूटर के माउस को क्लिक कर संस्कृत विद्यार्थियों के बैंक खाते में एक साथ धनराशि छात्रवृत्ति के रूप में स्थानांतरित की। मुख्यमंत्री ने मंच से प्रतीकात्मक रूप से सुहानी, पूजा शुक्ला, रंजना, कृष्णा, आर्यन, अभिनव मिश्रा, स्मिता, अमन, योगेश दुबे, प्रिंस पाण्डेय, हर्ष मिश्रा सहित 12 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति का चेक दिया। उत्तर प्रदेश में यह पहला मौका है जब प्रथमा से लेकर आचार्य तक के विद्यार्थियों को एक साथ छात्रवृत्ति दी गई।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गुरुकुल की परंपरा,संस्कृत को पुनर्जीवित करने वाली संस्थाओं को ही सरकार अब मान्यता देगी,जो छात्रों को नि:शुल्क अच्छा छात्रावास और भोजन उपलब्ध करायेंगे। यह कदम गुरुकुल परंपरा को जीवित करने और भारतीय संस्कृति को संरक्षित करने के उद्देश्य से है। मुख्यमंत्री ने संस्कृत भाषा को भारतीय संस्कृति के ऊर्जा का स्वर बताया। उन्होंने कहा कि गरीब एवं असहाय बच्चों के लिए छात्रवृति की व्यवस्था होनी चाहिए, लेकिन संस्कृत भाषा की उपेक्षा समझ से परे है। अब तक संस्कृत के 300 बच्चों को ही छात्रवृति की व्यवस्था रही। संस्कृत के प्रथमा से आचार्य तक के सभी बच्चों को छात्रवृति की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके लिए संस्कृत विद्यालयों को बच्चों का फार्म आदि भरवाने की औपचारिकता पूर्ण कराते हुए प्रयास करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कभी प्रयास ही नहीं हो पाया कि संस्कृत परिषद को मान्यता मिले। मैंने बार-बार समझने की कोशिश की कि संस्कृत से बच्चे दूर क्यों भाग रहे हैं, तो पता चला कि विद्यालयों को मान्यता ही नहीं मिल पा रही है। हमने स्कूल-कॉलेजों की मान्यता बहाल कराई। जब हमारी सरकार आई तो 2017 में संस्कृत परिषद को मान्यता दिलाई। पहले संस्कृत के छात्रों को स्काॅलरशिप नहीं मिलती थी, फिर उसमें आयु सीमा जोड़ दी गई। हमने तय किया कि हर छात्र को स्काॅलरशिप मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अब संस्कृत में छात्रों की संख्या लगातार बढ़ रही है। संस्कृत केवल देववाणी ही नहीं है, बल्कि यह भौतिक जगत की तमाम समस्याओं को वैज्ञानिक रीति से सुलझाने का माध्यम है। इस पर शोध करने की जरूरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत की महत्ता को समझने के लिए हमें उसकी ऊर्जा को अपने भीतर समाहित करना होगा। जो इस समारोह के मंगलाचरण और स्वस्तिवाचन में महसूस की जा सकती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आधुनिक तकनीक भी संस्कृत को सबसे सरल भाषा मानती है। उन्होंने बीएचयू में वैदिक विज्ञान केंद्र की स्थापना और संस्कृत में शोध को बढ़ावा देने के साथ महर्षि अरविंद को याद किया। मुख्यमंत्री ने सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में संरक्षित 75 हजार पांडुलिपियों का उल्लेख करते हुए कहा कि प्राचीन ताम्रपत्र और पांडुलिपियों को संरक्षित करना आवश्यक है, जिसमें सरकार पूरा सहयोग करेगी। उन्होंने कहा कि संस्कृत ने ही भारत देश को विश्वगुरु के रूप में स्थापित किया। इसके कारण ही विपरीत स्थितियों में भी हमारी सनातन संस्कृति तमाम मुश्किलों का सामना करते हुए भी आज जीवित है। दुनिया का मार्गदर्शन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आज संस्कृत, संस्कृति और भारतीय सभ्यता उठ खड़ी हुई है।

समारोह में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि भारत संस्कृति, आध्यात्मिक चेतना की धरा है और अगर संस्कृत सुरक्षित नहीं रही तो फिर संस्कृति खतरे में पड़ जायेगी। संस्कृत वेद भाषा है तथा उसको जाने बिना भारत की संस्कृति काे जानना मुश्किल होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का ध्यान लगातार इस दिशा में रहता है। बदलते समय के साथ हम भूल गये कि बिना शास्त्रों के शस्त्र चलाना भी मुश्किल है और हम विदेशी आक्रान्ताओं के नौ सौ साल तक गुलाम बने रहे। उन्होंने मैकाले की शिक्षा पद्धति पर भी प्रहार किया। समारोह की शुरुआत स्वस्तिवाचन और मंगलाचरण से हुई। कुलपति प्रो. बिहारी लाल शर्मा ने मुख्यमंत्री को पुष्पगुच्छ व अंगवस्त्र देकर स्वागत क़िया। इस अवसर पर कुलपति प्रो.शर्मा ने संस्कृत के उत्थान के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों की जमकर सराहना की। उन्होंने विश्वविद्यालय की विकास यात्रा का उल्लेख कर बताया कि एक समय में पिछड़ा माने जाने वाले इस प्रदेश में अब 7 विश्वविद्यालयों को ए प्लस प्लस नैक ग्रेडिंग मिल चुका है। प्रदेश शिक्षा के क्षेत्र में नए मुकाम पर पहुंच गया है। कुलपति ने बताया कि संस्कृत छात्रवृत्ति योजना से कक्षा 6 से स्नातकोत्तर तक के छात्रों को आर्थिक सहायता प्राप्त होगी, जिससे प्रदेश के संस्कृत छात्रों को पढ़ाई में सहायता मिलेगी। कुलपति ने कहा कि दुनिया जब बूढ़ी हो रही है तब भारत जवान हो रहा है। उसको सही दिशा दिखाने में आप जैसा नेतृत्वकर्ता बड़ा रोल अदा कर सकता है। कार्यक्रम में राज्यमंत्री रविन्द्र जायसवाल,आयुष मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’,पूर्व मंत्री और शहर दक्षिणी के विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी,कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव,जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्य आदि,श्री काशी विश्वनाथ न्यास परिषद के अध्यक्ष प्रो. नागेन्द्र पांडेय की खास मौजूदगी रही।

-मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाबा विश्वनाथ के दरबार में लगाई हाजिरी

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में हाजिरी लगाई। मुख्यमंत्री ने मंदिर के गर्भगृह में विधि विधान से वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बाबा के पावन ज्योर्तिलिंग का अभिषेक कर प्रदेश और देश में सुख समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री ने मंदिर में आने-जाने के दौरान मौजूद शिवभक्तों का हाथ जोड़ कर अभिवादन किया। इस दौरान श्रद्धालु भी मुख्यमंत्री को देखकर आहलादित भाव से हर-हर महादेव का उद्घोष करते रहे। इसके बाद मुख्यमंत्री ने काशी के कोतवाल बाबा कालभैरव के दरबार में भी हाजिरी लगाई।

-मुख्यमंत्री ने कांजीसराय हरहुआ में विशाल हनुमान प्रतिमा का किया अनावरण

प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को वाराणसी दौरे में काजीसराय (हरहुआ) ​में स्थापित 51 फीट ऊंची हनुमान प्रतिमा का अनावरण किया। इसके बाद मंदिर में विधिवत हनुमान की आराधना भी की। इस खास हनुमत मूर्ति को बनाने में 24 महीने का समय लगा। दर्शन-पूजन के बाद मुख्यमंत्री बाबतपुर एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए।

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