संघ नेता ने अजमेर दरगाह के लिए सौंपी 40 फुट की चादर
(डॉ. एम. रहमतुल्लाह )
नई दिल्ली। आरएसएस राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने मंगलवार को हजरत ख़्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती (र.अ.) के 812 वें उर्स के मोके पर प्रतिनिधिमंडल को चादर भेंट की। इस अवसर पर उन्होंने देश की एकता, अखंडता, समरसता और सौहार्द बनाए रखने की दुआएं की। उन्होंने देश के नागरिकों के बीच नैतिक मूल्यों को बढ़ाने पर ज़ोर दिया।
मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य और राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी शाहिद सईद ने बताया कि मंच के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने कहा कि भारत तीर्थों, त्योहारों और मेलों की भूमि है, यहां राम भी हैं और ख्वाजा भी। सभी त्योहार गरीबों को रोटी देते हैं और आपस में भाईचारा बढ़ाते हैं। हर त्योहार हमें सिखाता है कि हमें कट्टरता, द्वेष, नफरत, दंगे या युद्ध नहीं चाहिए। हम शांति, सद्भाव और भाईचारा चाहते हैं।
इंद्रेश कुमार ने MRM के प्रतिनिधि मंडल को 40 फुट लंबी एवं चौड़ी चादर सौंपी। यह चादर लेकर 51 सदस्यीय दल 12 जनवरी को लेकर निकलेगा जिसे 13 तारीख को अजमेर दरगाह शरीफ पर चढ़ाई जाएगी। चादर लेकर आने वालों में मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजाल, दिल्ली प्रदेश संयोजक हाजी मोहम्मद साब्रीन, सह संयोजक प्रोफेसर इमरान चौधरी, महिला प्रकोष्ठ की अध्यक्ष शालिनी अली, राजस्थान वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष अबुबक्र नकवी, रेशमा हुसैन, मेवात डेवलपमेंट बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष खुर्शीद रजाका, उत्तर प्रदेश मदरसा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष मज़ाहिर खान, उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के चेयरमैन बिलाल उर रहमान आदि शामिल होंगे।
इस मौके पर इंद्रेश कुमार ने 22 जनवरी को अयोध्या के श्री राम मंदिर में राम लला के विराजमान होने को पूरे विश्व के लिए ऐतिहासिक और स्वागत योग्य बताया। उन्होंने कहा कि मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के कार्यकर्ता अलग अलग समूहों में 50 से अधिक जिलों से निकल कर राम लला के दर्शन करने को पहुंचेंगे। श्रद्धालुओं में जम्मू कश्मीर के मुस्लिम कार्यकर्ता भी रहेंगे। यह सभी लोग मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के बाद अर्थात 22 जनवरी के बाद अयोध्या दर्शन करने पहुंचेंगे।
इस मौके पर मौजूद लोगों के साथ इंद्रेश कुमार ने भय मुक्त, दहशत मुक्त, दंगा मुक्त, भूख मुक्त, छुआ छूत मुक्त, गरीबी मुक्त, बेरोजगारी मुक्त भारत के लिए प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि देश में नैतिक मूल्यों का ह्रास हो रहा है। सरकार अपराध को समाप्त नहीं कर सकती उनको रोक सकती है, अपराध के प्रति भय पैदा कर सकती है।
वरिष्ठ नेता ने कहा कि अपराध यदि रुकेगा तो समाज के रोकने से ही रुकेगा। उन्होंने कहा कि किसी को भी धर्म परिवर्तन और हिंसा करने के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए। सभी अपने धर्म और जाति का पालन करें। दूसरे के धर्म की आलोचना या अपमान न करें। जब देश में सभी धर्मों का सम्मान किया जाएगा, तो देश कट्टरपंथियों से मुक्त होगा। उन्होंने लव जिहाद की भी कड़ी निंदा की जिसमें एक व्यक्ति अपनी पहचान छिपा के शादी करता है और शादी के बाद अपने असली रंग में आजाता है। ऐसे विवाह में अक्सर बेटियों की लाश टुकड़े टुकड़े में पाई जाती हैं।
इन्द्रेश कुमार ने कहा कि यदि हमें बेटियों और माताओं पर होने वाले अत्याचारों को रोकना है तो सबसे पहले बच्चों में संस्कार भरना होगा। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि विशेष रूप से बेटियों को शिक्षित करना अनिवार्य होना चाहिए। पहले हम किसी अपरिचित महिला को मां और बेटी-बहन के समान मानते थे। उसे वही सम्मान भी दिया करते थे लेकिन आज महिला को मात्र औरत समझते हैं। संघ के वरिष्ठ नेता ने कहा कि संबंध बदलने से भाव भी बदल जाते हैं इसीलिए आपराधिक प्रवृतियां बढ़ती जा रही है। इसे रोकने के लिए हमें समाज में संस्कारों का बीजारोपण करना पड़ेगा।