नैनीताल। गौला खनन मजदूर उत्थान समिति ने खनिज के ढुलाई रेट कम करने के विरोध में हड़ताल की घोषणा की थी। हड़ताल का खनिज निकासी पर आंशिक असर रहा है। तीन गेट बंद रहे हैं, जबकि आठ गेटों के माध्यम से खनिज निकासी हुई है।
गौला खनन मजदूर उत्थान समिति ने सोमवार को बैठक कर स्टोन क्रशर संचालकों के खनिज ढुलाई का रेट कम करने के विरोध में 11 गेटों से वाहन संचालन बंद रखने की बात कही थी। इसके चलते शीशमहल और राजपुरा गेट पूरी तरह बंद रहे। गौला खनन मजदूर संघर्ष समिति ने बंद को समर्थन दिया।
समिति अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि डंपर स्वामियों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कहा कि बाजपुर, रामनगर क्षेत्र में ओवरलोडिंग बंद होनी चाहिए। वहीं, वन और वन निगम के अनुसार गौला में शीशमहल, मोटाहल्दू और राजपुरा गेट से एक भी वाहन की निकासी नहीं हुई, जबकि गोरा पड़ाव गेट से केवल 62 वाहनों ने ढुलान किया है। सबसे अधिक निकासी बेरी पड़ाव गेट(827) से हुई।
यहां आठ गेटों के माध्यम से 4664 वाहनों से खनिज निकासी हुई।करीब तीन हजार वाहनों से खनिज नहीं हुई है। इधर,गौला खनन मजदूर उत्थान समिति अध्यक्ष रमेश जोशी का कहना है कि अनिश्चितकालीन हड़ताल का निर्णय गेट अध्यक्षों ने स्वयं लिया था। वह वाहन स्वामियों के निर्णय के साथ हैं। डीएलएम धीरेश बिष्ट का कहना है कि गौला नदी में खनिज निकासी प्रभावित हुई है। तीन गेट पूरी तरह बंद रहे थे।