आजमगढ़। तंत्र-मंत्र और अंधविश्वास के फेर में महिला स्वास्थ्यकर्मी की बातों में आकर पुत्र की चाह रखने वाले दंपती की आंखों पर ऐसी काली पट्टी बंधी कि दोनों ने अपनी नवजात बेटी का ही गला घोंट दिया।
मृत नवजात बालिका का लिंग बदल उसे बालक बनाने का दावा करने वाली कथित तांत्रिक महिला स्वास्थ्यकर्मी की सनक फिर भी कम न हुई। उसने अपनी बहन और उसके पुरुष मित्र के सहयोग से 29 मई और तीन जून को दो और बच्चे चुराए। तीन जून को जिला महिला अस्पताल से एक बालिका चोरी हुई तो पुलिस सक्रिय हुई।
सीसीटीवी फुटेज से आरोपित पकड़ में आए तो कई राज खुले। दस दिन पूर्व नवजात बालिका की हत्या और दो बच्चों को चुराने की घटना के रहस्य से पर्दा उठता गया। शनिवार को पुलिस ने बेटी को मारने में सहमति देने वाले स्वास्थ्यकर्मी की पत्नी को भी गिरफ्तार किया।
सगड़ी तहसील के गड़ौरा मझौरा ग्राम निवासी मनोज कुमार पवई स्वास्थ्य केंद्र पर संविदा नेत्र सहायक पद पर कार्यरत था और वहीं अपनी पत्नी रेनू एवं दो बेटियों के साथ रहता था। इस दौरान रेनू फिर गर्भवती हुई तो मनोज ने नाटी ग्राम पंचायत में एएनएम पद पर कार्यरत महिला तांत्रिक संगीता से कोई उपाय पूछा कि पुत्र का जन्म हो।
धन ऐंठने के लिए संगीता ने तंत्र-मंत्र के सहारे पहले तो गर्भ में ही लिंग परिवर्तन करने का झांसा दिया व झाड़-फूंक करती रही। गत 17 मई को रेनू ने जब पुत्री को जन्म दिया तो राज खुलने के भय से संगीता ने अपनी अविवाहित बहन सरोज व उसके पुरुष मित्र सूरज कुमार को लेकर दंपती को पुत्र प्राप्ति के लिए नवजात बालिका को मार डालने के लिए मजबूर किया।
27 मई को मनोज ने अपनी बच्ची की हत्या कर दी। इसके बाद संगीता ने पुत्र प्राप्ति के लिए बच्चा चुराने की साजिश रची। 29 मई की रात बिलरियागंज क्षेत्र के पटवध सरैया बाजार से आठ माह के युग नामक बच्चे को चुराया, लेकिन मनोज और उसकी पत्नी रेनू ने बच्चे की उम्र अधिक और दूसरे की संतान होने की बात कहकर लेने से इन्कार कर दिया। तब आरोपितों ने तीन जून की रात जिला महिला अस्पताल से नवजात शिशु चुराया।
उनसे यहां भी चूक हो गई जब चुराई नवजात बच्ची निकली। इधर, पुलिस बच्चा चुराने वालों की तस्दीक सीसीटीवी फुटेज से करते हुए कथित महिला तांत्रिक संगीता, उसकी बहन सरोज, उसके मित्र सूरज और अपनी ही बेटी के हत्यारोपित मनोज कुमार और उसकी पत्नी रेनू को गिरफ्तार कर मामले का राजफाश किया।