प्रयागराज। काकोरी प्रसंग भारत का बहुत ही महत्वपूर्ण प्रसंग है। आजादी की लड़ाई में काकोरी प्रसंग ने एक नई दिशा दी और सबसे बड़ी बात यह है कि उस समय के क्रांतिकारियों ने लोगों को जगाया और उन्हें प्रेरित किया कि आगे बढ़ो। आगे बढ़कर भारत के स्वाधीनता संग्राम में हिस्सा लो।
उक्त विचार उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सत्यकाम ने मंगलवार को काकोरी ट्रेन एक्शन की 100वीं वर्षगांठ पर काकोरी ट्रेन एक्शन शताब्दी समारोह में व्यक्त किया। कुलपति ने कहा कि उस समय के क्रांतिकारी आंदोलन में राम प्रसाद बिस्मिल, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, अशफाक उल्ला खान तथा चंद्रशेखर आजाद आदि शामिल थे। काकोरी ट्रेन एक्शन की 100 वर्षगांठ पर विश्वविद्यालय परिवार इन क्रांतिकारियों को नमन करता है।
मुक्त विवि के मानविकी विद्या शाखा के तत्वावधान में कार्यक्रम के अंतर्गत प्रेरणादाई घटनाक्रम एवं काकोरी के नायकों पर आधारित भारतीय स्वाधीनता में काकोरी ट्रेन एक्शन के नायकों का योगदान विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन सरस्वती परिसर स्थित लोकमान्य तिलक शास्त्रार्थ सभागार में किया गया।
कार्यक्रम संयोजक प्रो. सत्यपाल तिवारी, निदेशक मानविकी विद्या शाखा ने कहा कि हिन्दुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन भारत की स्वतंत्रता से पहले क्रांतिकारी पार्टी थी। जिसका गठन हिन्दुस्तान को अंग्रेजों के शासन से मुक्त करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश एवं बंगाल के कुछ क्रांतिकारियों द्वारा 1924 में किया गया।
भाषण प्रतियोगिता में विश्वविद्यालय के शोध छात्रों ने काकोरी एक्शन के नायकों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि 9 अगस्त 1925 को सहारनपुर लखनऊ रेल प्रखंड पर स्थित काकोरी नामक स्थान पर आठ डाउन सहारनपुर-लखनऊ ट्रेन में डकैती को अंजाम दिया गया। इस घटना में राम प्रसाद बिस्मिल, रोशन सेठ, अशफाक उल्ला खान, राजेंद्र लाहिड़ी को गिरफ्तार कर मुकदमा चलाया गया एवं क्रमशः गोरखपुर, नैनी, फैजाबाद, गोंडा जेल में उन्हें फांसी दे दी गई।
डॉ सुमन सिंह सहायक आचार्य पुस्तकालय एवं सूचना विज्ञान ने बताया कि काकोरी ट्रेन एक्शन के क्रांतिकारियों ने अपने बलिदान से भारतीय नागरिकों में राष्ट्रीयता की भावना को जगाने का काम किया। डॉ. प्रभात चंद्र मिश्र ने बताया कि कार्यक्रम का संचालन आयोजन सचिव डॉ.अनिल कुमार यादव तथा धन्यवाद ज्ञापन कुलसचिव कर्नल विनय कुमार ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के शिक्षक, शोध छात्र एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।