बुलंदशहर। पिछले दो दिन से गंगा के जल स्तर में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। शनिवार को नरौरा के चौधरी चरण सिंह बैराज पर शनिवार सुबह गंगा की अपस्ट्रीम में 84367 क्यूसेक पानी की उपलब्धता के साथ गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी दर्ज की गई।
गंगा की डाउनस्ट्रीम में 68957 क्यूसेक प्रति सेकेंड की दर से पानी की निकासी की जा रही है। वहीं अनूपशहर में गंगा का जल मोहल्लों में घुस गया है। जिला प्रशासन गंगा के जल स्तर से लेकर हर बिंदु पर नजर रखे हुए है। प्रशासन ने बाढ़ की स्थिति से निपटने को तैयारी पहले ही पूरी कर चुका है।
65 किलोमीटर क्षेत्र से गुजरती है गंगा
जनपद की स्याना,अनूपशहर और डिबाई तहसील के 65 किलोमीटर के क्षेत्र से होकर गंगा नदी निकल रही है। बरसात में बिजनौर बैराज से पानी छोड़ने से गंगा नदी उफान मारती है। गंगा किनारे के गांवों के खेतों में कटान होने के साथ ही फसलों में जलभराव की स्थिति हो जाती है। हालांकि गनीमत यह है कि जनपद में बाढ़ की स्थिति नहीं बनती हैं।
मोहल्ले में पानी घुसा
शनिवार की शाम तक गंगा का जलस्तर अपस्ट्रीम में 84367 क्यूसेक पानी की उपलब्धता दर्ज की गई। अनूपशहर में गंगा का जलस्तर बढ़ने से मोहल्लों में जल घुसना शुरू हो गया है। कुछ क्षेत्रों में गंगा की धार ने कटान शुरू कर दिया है। वहीं बाढ़ चौकियों पर कर्मचारियों को तैनात कर दिया गया है। जिला प्रशासन द्वारा एक दो-दिन में टोल फ्री नंबर जारी कर दिया है। हालांकि एसडीएम ग्राम प्रधानों के संपर्क हैं।
बाढ़ की स्थिति से निपटने का इंतजाम पर नजर
जिले में बनाई गई बाढ़ चौकियां- 16
जिले में बनाए गए राहत शिविर – 16
मोटर बोट – एक
सेफ्टी किट – 57
पिछले तीन साल में गंगा के जलस्तर पर एक नजर
साल 2021 – 234000 क्यूसेक
साल 2022 – 154000 क्यूसेक
साल 2023 – 317000 क्यूसेक
साल 2024 – 1,28,764 क्यूसेक अभी तक
गंगा का पानी बढ़ता हुआ खतरे का निशान अभी दूर है।
बाढ़ की श्रेणी व खतरे का निशान
30 हजार से एक लाख क्यूसेक तक सामान्य फ्लड श्रेणी
एक लाख से 1.50 लाख क्यूसेक तक लो फ्लड श्रेणी
1.50 लाख से 3.50 लाख क्यूसेक तक मीडियम फ्लड श्रेणी
3.50 लाख क्यूसेक से ऊपर हाई फ्लड श्रेणी
खतरे का निशान की ऊंचाई – 178.765 मीटर
शनिवार की सुबह छह बजे तक शाम तक गंगा का जलस्तर 84367 क्यूसेक रिकॉर्ड किया गया है। गंगा का जल स्तर अभी खतरे के निशान से नीचे चल रहा है। बाढ़ चौकियों पर तैनात कर्मचारियों को अलर्ट कर दिया गया है। – अंकित सिंह, सहायक अभियंता नरौरा बैराज