….हर मजहब का इंसान यहाँ मेहमान है वारिस साहब का

काशी में तेरा जलवा काबे में नजारा है

लोक गीत गायक कलाकारों ने अपने गीतों से बांधी समां

बाराबंकी। शुक्रवार को देवा मेला के ऑडिटोरियम में लोक गायक कलाकारों द्वारा मनमोहक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए। सर्वप्रथम लोक गायक कलाकार राजा कश्यप एंड ग्रुप के कलाकारों ने, भजन की प्रस्तुति, पता नहीं किस रूप में आकर नारायण मिल जाये, प्रस्तुत किया इसके बाद कौशल्या दशरथ नंदन आदि सहित अनेक लोकगीतों की प्रस्तुतियां दी। इसके बाद भजन सम्राट अनन्त राम वर्मा और उनके साथी कलाकारों द्वारा ऐसी लागी लगन मीरा हो गई मगन की मनमोहक प्रस्तुति दी गयी। इसके बाद कुछ लेना न देना मगन रहना, आये पिया वारिस के भजन की प्रस्तुति दी। तो साथी कलाकार मंजू सिन्हा ने पायो जी मैंने राम रतन धन पायो, आदि गीतों की प्रस्तुति देकर सबको मंत्र मुग्धकर दिया। इसके बाद सोनू इच्छाधारी के द्वारा कौमी एकता गीत, एक ही पिता के हम सब हैं संतान, न तो कोई हिन्दू न कोई मुसलमान आदि की प्रस्तुति दी।

इसके बाद सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग में पंजीकृत लोकगीत गायक कलाकार मुन्ना अलबेला ने, काशी में तेरा जलवा काबे में नजारा है, देशवा धरतिया दोनों एक ही, मकनवा अलगे अलगे बा, पढ़े बेटियां बढ़े बेटियां भारत के लिये, बेटी है अनमोल रतन दो घर की शोभा यार, आदि गीतों पर श्रोताओं की खूब तालियां बटोरी। इसके बाद सूचना एवं जनसंपर्क विभाग में पंजीकृत लोकगायक कलाकार जमुना कनौजिया और उनके साथी कलाकारों ने अपनी प्रस्तुतियां दी। जमुना कनौजिया ने अपने गीत, आपस में हम सब मिलके रहे फरमान है वारिस साहब का…. हर मजहब का इंसान यहाँ मेहमान है वारिस साहब का आदि की मनमोहक प्रस्तुतियां देकर सबको मन्त्रमुग्ध कर दिया साथी कलाकार गायिका मंजू माही ने तेरी गलियों का हूं आशिक, आदि गीतों की प्रस्तुतियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। जादूगर ह्रदय तिवारी द्वारा जादू के कार्यक्रमों की प्रस्तुतियां देकर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ, स्वच्छता साफ़ सफाई आदि के विषय में लोगों को जागरूक किया गया। इसके बाद आल्हा गायक रघुनाथ और लोकगीत गायक सोनेलाल ने भी अपनी प्रस्तुतियां दी।

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