हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही मस्जिद ईदगाह की संपत्ति नहीं है….

मथुरा। श्रीकृष्ण जन्मस्थान व शाही मस्जिद ईदगाह मामले में अब हिंदू पक्ष नियमों को अपना हथियार बनाएगा। अब इस मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में पोषणीयता के बिंदु पर सुनवाई होनी है। ऐसे में हिंदू पक्ष का दावा है कि शाही मस्जिद ईदगाह की संपत्ति नहीं है, दूसरे इसे भारतीय पुरातत्व विभाग ने संरक्षित किया है, ऐसे में इस पर उपासना स्थल अधिनियम लागू नहीं होता है। इसी बिंदु पर अब हाई कोर्ट में हिंदू पक्ष अपनी बहस करेगा।

श्रीकृष्ण जन्मस्थान और शाही मस्जिद ईदगाह मामले में अब तक करीब 20 वाद दायर हो चुके हैं। इनकी सुनवाई इलाहाबाद हाई कोर्ट में चल रही है। हिंदू पक्ष शाही मस्जिद ईदगाह को श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर से हटाने की मांग कर रहा है। शाही मस्जिद ईदगाह कमेटी का कहना है कि ये वक्फ अधिनियम और उपासना स्थल अधिनियम के चलते ये वाद चलने लायक ही नहीं है। इसलिए इसे खारिज किया जाए। इन्हीं मुद्दों पर हिंदू पक्ष हाई कोर्ट में बहस करेगा।

वक्फ बोर्ड से मांगी आरटीआइ

श्रीकृष्ण जन्मस्थान मामले से जुड़े एक मुकदमे में वादी अधिवक्ता अजय प्रताप सिंह का कहना है कि उन्होंने आरटीआइ से पूर्व में एक सूचना वक्फ बोर्ड से मांगी थी। इसमें पता चला कि वक्फ बोर्ड ने कभी शाही मस्जिद ईदगाह का सर्वे ही नहीं किया। सर्वे न होने के कारण इसे वक्फ बोर्ड की संपत्ति नहीं माना जाएगा।

पुरातत्व विभाग से है संरक्षित

अजय प्रताप सिंह ने कहा कि शाही मस्जिद ईदगाह भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित है। जो पुरातत्व विभाग से संरक्षित है, उस पर उपासना स्थल अधिनियम-1991 लागू नहीं होता है। ऐसे दस्तावेजों को हाई कोर्ट में दाखिल किया गया है। इन्हीं को मुद्दा बनाकर अब पोषणीयता के मामले में सुनवाई होगी। उन्होंने कहा कि 22 फरवरी को होने वाली सुनवाई में हम इन्हीं बिंदुओं पर अपनी बहस करेंगे। 

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