ज्ञानवापी की अंजुमन मसाजिद इंतजामिया कमेटी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई

वाराणसी। ज्ञानवापी की अंजुमन मसाजिद इंतजामिया कमेटी की याचिका पर सोमवार (एक अप्रैल) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।

विवादित ढांचे के दक्षिणी छोर पर स्थित व्यास जी के तहखाने में हिंदुओं को पूजा-अर्चना करने की अनुमति देने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को मस्जिद कमेटी ने चुनौती दी है। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद इस केस में नोटिस जारी किया है और 30 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करने का समय दिया है। हालांकि पूजा जारी रहेगी।

SC ने 30 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने का दिया समय
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा ज्ञानवापी मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। व्यास परिवार की ओर से वाराणसी जिला न्यायालय में जो आवेदन दिया गया था, जिसमें 31 जनवरी 2024 से ‘व्यास का तहखाना’ में पूजा करने की अनुमति दी गई थी। उसके खिलाफ मामला इलाहाबाद हाई कोर्ट में गया और हाई कोर्ट ने हिंदू पक्ष में फैसला सुनाया।

आज अंजुमन इंतजामिया इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट आया था। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद इस केस में नोटिस जारी किया है और हमें 30 अप्रैल तक अपना जवाब दाखिल करना है। पूजा पर कोई रोक नहीं लगाई गई है।

इंतजामिया कमेटी ने हाई कोर्ट के फैसले को दी थी चुनौती
प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पार्दीवाला और मनोज मिश्रा की खंडपीठ वाराणसी में कथित ज्ञानवापी मस्जिद की देखरेख कर रही अंजुमन मसाजिद इंतजामिया कमेटी की याचिका पर आज सुनवाई हुई। इस याचिका में 26 फरवरी के हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए पूजा-अर्चना पर रोक लगाने की मांग की है।

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