सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि वह आतंकवाद विरोधी कानून यूएपीए के तहत गिरफ्तारी के खिलाफ न्यूजक्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और इसके एचआर प्रमुख अमित चक्रवर्ती की दो अलग-अलग याचिकाओं पर 19 अक्टूबर को सुनवाई करेगा। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने उन दोनों को कोई राहत देने से इन्कार कर दिया था। जस्टिस बीआर गवई और प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ ने पुरकायस्थ और चक्रवर्ती के वकीलों से कहा कि उसे याचिकाओं पर गौर करने की जरूरत है।
मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने पर सहमत
जस्टिस गवई ने कहा कि हमें फाइलों को देखना होगा। हम दोनों मामलों पर गुरुवार को विचार करेंगे। मामले में पुरकायस्थ की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और चक्रवर्ती की ओर से देवदत्त कामत अदालत में पेश हुए। 16 अक्टूबर को सिब्बल द्वारा प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष उल्लेख करने के बाद शीर्ष अदालत मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने पर सहमत हुई थी।
7 दिन की पुलिस रिमांड बरकरार
बता दें कि पिछले हफ्तेदिल्ली उच्च न्यायालय ने पुरकायस्थ और चक्रवर्ती द्वारा मामले में उन्हें सात दिनों की पुलिस हिरासत में भेजने के ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज कर दी थी। हाई कोर्ट ने उनकी 7 दिन की पुलिस रिमांड बरकरार रखी थी। दोनों 10 अक्टूबर से न्यायिक हिरासत में हैं, जो 20 अक्टूबर को समाप्त हो रही है।
गिरफ्तारी को रद्द कर दिया गया
दिल्ली पुलिस द्वारा 3 अक्टूबर को न्यूजक्लिक के कार्यालय और उसके संपादकों और पत्रकारों के आवासों पर की गई व्यापक छापेमारी के बाद गिरफ्तारियां की गईं। याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाई गई चुनौती का मुख्य आधार यह था कि गिरफ्तारी को रद्द कर दिया गया था क्योंकि उन्हें गिरफ्तारी के आधार के बारे में लिखित रूप से सूचित नहीं किया गया था। जब तक उन्होंने अदालत का रुख नहीं किया और इस आशय का आदेश नहीं मिला तब तक उन्हें एफआईआर की प्रति नहीं दी गई।