भूमि संरक्षण अधिकारी की हठधर्मिता एक बार फिर आई चर्चा में कर्मचारी अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठे

अधिकारी के शोषण से तंग आकर कर्मचारियों ने आफिस में जड़ा ताला ।

कुछ महीने पूर्व भी भूमि संरक्षण अधिकारी के वजह से एक कर्मचारी किया था आत्महत्या का प्रयास

चोपन/ सोनभद्र – नगर में स्थित भूमि संरक्षण विभाग में एक बार फिर से कर्मचारियों में तनाव शूरू हो गया है ताजा मामला यह सामने आया है कि वर्तमान में तैनात भूमि संरक्षण अधिकारी बलजीत बहादुर वर्मा पर उनके अधिनस्थ कर्मचारियों ने एक बार फिर हठधर्मिता और शोषण का आरोप लगाकर कार्यालय में ताला जड़ दिया है कर्मचारियों का कहना है कि ऐसे तनावपूर्ण वातावरण में भला कोई कैसे कार्य कर सकता है वहीं कर्मचारियों ने कृषि मंत्री से लगायत तमाम अधिकारियों एवं मंत्रियों को मेल एवं रजिस्टर्ड डाक द्वारा भूमि संरक्षण अधिकारी के मनमानी रवैए से अवगत कराया गया है| दर्जनों कर्मचारियों ने एक स्वर में आरोप लगाया है कि बलजीत बहादुर वर्मा अपने हठधर्मिता की वजह से हम कर्मचारियों का जीना हराम कर दिये हैं हम लोग अपने कार्य को सही ढंग से नहीं कर पा रहे हैं आये दिन इनके द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा है जिससे सरकार की मंशानुरूप कार्य नहीं हो पा रहा है कर्मचारियों ने कृषि मंत्री सहित उच्चाधिकारियों को किये गये शिकायत में आरोप लगाया है कि कार्यालय कार्मिक भूमि संरक्षण अधिकारी चोपन-सोनभद्र मे कार्यरत है कार्यालय का वातावरण भूमि संरक्षण अधिकारी द्वारा कार्य को लेकर तनाव पूर्ण एवं दूषित किया जा रहा है, एवं कर्मचारियों को बार बार प्रताड़ित किया जा रहा है, जिससे उच्चधिकारियों द्वारा दिये गये लक्ष्य को ससमय पूर्ण हो पाना असम्भव हो रहा है, एवं इससे पूर्व भी उच्चधिकारियों द्वारा 1 नवम्बर 2023 को अपर कृषि निदेशक (प्रसार) उ०प्र० कृषि भवन लखनऊ महोदय द्वारा समस्त स्टाफ एवं उप कृषि निदेशक (भू०सं०) वाराणसी मण्डल वाराणसी तथा भूमि संरक्षण अधिकारी चोपन बलजीत बहादूर वर्मा के उपस्थिति में बैठक किया गया एवं अपर कृषि निदेशक द्वारा निर्देशित किया गया कि आगे से भू०सं०अ० की भाषा शैली एवं व्यवहार में सुधार होगा और आगे से कोई शिकायत का मौका नही मिलेगा किन्तु बहुत ही खेद का विषय है कि दिनांक-22.06.2024 तक कोई भी परिवर्तन नहीं हुआ। समस्या जटिल होती जा रही है और कार्मिको की क्षमता एवं कार्यशैली प्रभावित हो रही है। कर्मचारियों ने आरोप लगाया है कि भूमि संरक्षण अधिकारी की भाषा शैली बहुत ही खराब है। सदैव गुस्से में दॉत मीजकर कर्मचारियों से वार्तालाप किया जाता है, और उनके द्वारा कहा जाता है कि मैं जो चाहूँगा वो करूगा।

कार्यालय में इनके द्वारा कर्मचारियों की बैठक कर समीक्षा नही की जाती है, और प्रतिभाग नही किया जाता है एवं क्षेत्रिय कार्मिक लगभग 100 किंमी० से अपने क्षेत्र के कार्य छोड के आते है जिससे क्षेत्र की कार्य प्रभावित होता है कार्मिक द्वारा समस्त योजनाओं का कार्य ससमय पूर्ण करने के बावजूद बार-बार परेशान किया जाता है। एवं परियोजना क्षेत्र में जाने पर किसानों से विशेष सुविधा शुल्क की मॉग किया जाता है एवं न देने पर उनको धमकी दी जाती है कि आपको सरकारी लाभ लेने नहीं देगे एवं कृषक महिलाओं से अभद्र भाषाओं का प्रयोग किया जाता है, जिससे कर्मिको को क्षेत्र में काम करने में अत्यन्त ही असुविधाओं का सामना करना पड़ता है इनके द्वारा मौखिक निर्देश दिया गया है कि आचार संहिता में कार्य नही किया जा सकता है और उच्चाधिकारियों द्वारा विडियो कांफ्रेंसिंग के तहत बार-बार निर्देशित किया जाता रहा था कि काम को पूर्ण कर ले जिससे बजट आंवटन होने पर बजट जल्द से जल्द ससमय पूर्ण कर लिया जाय एवं महोदय द्वारा कहा गया कि 14 जून से पहले कार्य नहीं कराना है एवं 20 जून को समस्त कार्य को पूर्ण करने के लिए एम०बी०, श्रमिक चिट्ठा पूर्ण मांग की जा रही है Whatsapp पर मैसेज कर के परेशान किया जा रहा और धमकी दिया जा रहा है कि चरित्र प्रविष्टियां खराब कर देगे प्रमोशन नहीं होने देगे अवकाश वाले दिनों में अकसर ही कार्यालय खोला जाता है यदि कोई कर्मिक द्वारा अपने परिवार को लेकर अस्पताल जाने पर भी तुरन्त घर से वापस आने के लिए फोन एवं Whatsapp पर मैसेज किया जाता है परियोजना क्षेत्र पर जाने के बाद कृषक का तालाब पूर्ण होने के बावजूद भी किसान का ससमय भुगतान नहीं किया जाता है समस्त योजनाओं से सम्बन्धित माप पुस्तिकाओं पर हस्ताक्षर नहीं किया जाता है।

समस्त कार्यालय कर्मिक मानसिक रूप से प्रताड़ित है, अगर किसी कर्मिक की रास्ते या कार्यालय में किसी भी प्रकार की दुर्घटना होती है तो पूर्ण उत्तरदायी भूमि संरक्षण अधिकारी, चोपन बलजीत बहादूर वर्मा की होगी।
उक्त प्रकरण के चलते दिनांक 26.10.2023 को भूमि संरक्षण अधिकारी के प्रताड़ना के वजह से मनीष पाल, वरिष्ठ प्राविधिक सहायक ग्रुप-ए द्वारा आत्महत्या करने का प्रयास किया गया था जिसे कार्यालय कर्मियों द्वार ससमय बचा लिया गया था जिसके क्रम में दिनांक 26.10.2023 को एफ०आई०आर० चोपन थाने में किया गया था। बीरेन्द्र प्रताप, प्रधान सहायक एवं भूमि संरक्षण अधिकारी द्वारा मनमाने ढंग से कार्य किया जाता है एवं लगभग सात माह से डिस्पैच रजिस्टर प्रधान सहायक अपने बैग में लेकर घुमते है जबकि डिस्पैच का चार्ज जलालुद्दीन, कनिष्ठ सहायक के पास है। आनावश्यक पत्र बिना कर्मचारियों के संज्ञान में लिए उच्चाधिकारियों को चला जाता है एवं कर्मचारियों के आवास पर रजिस्टर्ड डाक से पहुंच जाता है। अगर किसी कर्मचारी से स्पष्टीकरण माग की जाती है और वो देता है तो श्री प्रताप द्वारा प्राप्ती रसीद नहीं दिया जाता है कहा जाता है अधिकारी ने किसी का भी पत्र रिसिव करने से मना किया है । वहीं उप कृषि निदेशक भुमि संरक्षण अधिकारी वाराणसी मण्डल विशाल सिंह से इस बाबत जब फोन से वार्तालाप किया गया तो उन्होंने बताया कि कर्मचारियों का शोषण बर्दाश्त नहीं किया जायेगा इस संबंध में उच्चाधिकारियों को बताकर उचित कार्रवाई की जायेगी| वहीं भूमि संरक्षण कार्यालय चोपन के मनीष पाल, जितेंद्र कुमार यादव, उदय कुमार गुप्ता,अनुपम पटेल, विवेक सिंह, मनीष सिंह, विक्रम सिंह, धनेश कुमार प्रजापति, विरेन्द्र प्रताप,शिव शंकर राम, दिनेश कुमार कुशवाहा, अभिषेक सिंह यादव, मुकेश सिंह, विजय सिंह ,सुभाष चंद्र, एजाज अहमद, अजीत कुमार उपाध्याय, जलालुद्दीन इत्यादि कर्मचारियों ने कार्यालय पर ताला जड़ कर जल्द से जल्द कार्रवाई की मांग कर रहे हैं|

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