सूरतगंज बाराबंकी। तहसील रामनगर इलाके के मझौनी गांव में नवदुर्गा जागरण कार्यक्रम के पांचवे दिवस सोमवार को कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें अनेकों रचनाकारों ने कविता पाठ किया। कार्यक्रम की शुरुआत रामनगर ब्लाक प्रमुख संजय तिवारी व बार एसोसिएशन रामनगर अध्यक्ष शिव प्रकाश अवस्थी ने माता सरस्वती, मां भगवती की आरती के साथ की उन्हीने मां भारती के चरणों में पुष्प अर्पित कर दीप प्रज्ज्वलित किया। प्रमुख संजय तिवारी ने कहा कि कविता समाज को नई दिशा और दशा प्रदान करती है । जब-जब समाज या देश में निरंकुशता बढ़ी है तब तक साहित्यकारों ने ही लोगों को जागरूक किया है। आगे उन्होंने कहा कि साहित्यकार किसी भी समाज का आईना होता है इसलिए साहित्यकारों का सम्मान हर व्यक्ति को करना चाहिए।
एसोसिएशन अध्यक्ष शिव प्रकाश अवस्थी ने कार्यक्रम के आयोजक मंडल के सदस्यों की सराहना की। शिव तिवारी ने मुख्य अतिथि का माल्यार्पण कर स्वागत किया। कार्यक्रम में शामिल आगंतुकों को अनिल अवस्थी ने अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। समिति अध्यक्ष झब्बू तिवारी ने कवियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। कार्यक्रम का शुभारंभ सुधाकर दीक्षित मृदुल द्वारा सरस्वती वंदना में “अरज मोरी थोरी सुनउ हे महामाई” गीत प्रस्तुत कर किया गया । कवि जगन्नाथ दीक्षित निर्दोष की पंक्तियां “गोरिया अइहौ जब गंउवा की डगरिया सहरिया का भूल जइहौ”को लोगों ने खूब सराहा। प्रशांत प्रखर की पंक्तियां “आप आए तो बहारों में महक छाई है, दिल के गुलशन में फिजाओं ने ली अंगड़ाई है”पंक्तियों पर दर्शक झूम उठे। हरिहर दत्त पांडे ने पढा “आओ साथ चले बन के सच्चे यार कर लो मुझसे प्यार। कवियत्री गीता गंगवार ने पढा “त्याग के बिन कभी प्रीत होती नहीं, डर किसी वीर की रीति होती नहीं। ओज कवि मनोज मिश्रा शीत ने पढ़ा ” पहले बुला के बाद मे दुतकारिये नहीं जो खुद मरा हुआ हो उसे मारिए नहीं। इस अवसर पर जागरण कमेटी सहित ग्रामीण और क्षेत्रवासी उपस्थित रहे।