हरिद्वार। हरकी पैड़ी पर गंगाजल नहीं होने से श्रद्धालु निराश होकर वापस लौट रहे हैं। सिंचाई विभाग के आश्वासन के बावजूद गंगा घाटों में स्नान तो क्या आचमन तक के लिए जल उपल्ब्ध नहीं है।
20 दिनों के लिए गंगनहर को बंद करने की वजह से हरकी पैड़ी और आसपास के गंगा घाट जलविहीन हो गए हैं।हर की पैड़ी की प्रबंधकारिणी संस्था गंगा सभा के पदाधिकारियों ने इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए हर की पैड़ी पर तत्काल पर्याप्त जल उपलब्ध कराने की मांग की है।
उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग की ओर से प्रतिवर्ष इन्हीं दिनों गंगनहर को सफाई और मरम्मत के लिए बंद किया जाता है। शनिवार देर रात को भीमगोड़ा बैराज से गंगनहर में जल बंद कर दिया गया, जिसके बाद रविवार को हरकी पैड़ी सहित सभी गंगा घाटों पर स्नान लायक जल नहीं रहा। रविवार होने के कारण हजारों की संख्या में श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए हरकी पैड़ी पहुंचे थे,
लेकिन गंगनहर बंद होने के कारण श्रद्धालुओं को स्नान और कर्मकांड करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। डामकोठी से आगे ज्वालापुर तक गंगनहर पर बने अनेक घाट जलविहीन रहे।
वहीं बीती रात 12 बजे जैसे ही हर की पैड़ी पर जल प्रवाह थमा वैसे ही गंगा में पैसे व अन्य कीमती धातु ढूंढने के लिए देर रात से ही लोग सूखी गंगा में खोजबीन करने लगे। गंगा सभा के अध्यक्ष नितिन गौतम तथा महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने सिंचाई विभाग के प्रति नाराजगी व्यक्त करते हुए वर्ष 1916 में गंगा सभा के साथ हुए समझौते के अनुरूप तत्काल हर की पैड़ी पर पर्याप्त जल उपलब्ध कराने की मांग की है