एआरओ व जिलापूर्ति अधिकारी भी नही दे रहे जवाब ।
मुख्यमंत्री के आदेशों के बाद भी पत्रकारों का नहीं उठाते फोन ।
एआरओ व जिलापूर्ति अधिकारी के संलिप्त होने की आशंका ।
चार चार प्राइवेट व्यक्तियों को बैठाकर की जा रही है अवैध वसूली।
सीतापुर। लहरपुर आपूर्ति कार्यालय लहरपुर अब कार्यालय नही बल्कि प्राइवेट दलालों का अड्डा बन चुका है जिसकी सारी जानकारी एआरओ व जिलापूर्ति अधिकारी को है, परन्तु उनके द्वारा इस संदर्भ में अभी तक कोई कार्रवाई नही की गई है । पूर्ति निरीक्षक रूपेश जैन की दबंगई जनता व पत्रकार ही नही बल्कि एआरओ व जिलापूर्ति अधिकारी पर भी चलती है क्योंकि सारे क्रियाकलाप जानने के बाद भी वह कोई कार्रवाई करने में असमर्थ दिख रहे हैं। एआरओ व जिला पूर्ति अधिकारी को जब फोन किया जाता है तो वह फोन उठाने के बजाय उसे काट देते हैं।पूर्ति निरीक्षक लहरपुर का एक साल का कार्यकाल काली स्याही से भरा हुआ है। जिसमे पूर्णतया लीपापोती की गई है ।जो गहन जांच का विषय है । परन्तु इतना सब करने के बाद भी अधिकारियों की कलम इनके खिलाफ नही चलती है । चार चार प्राइवेट व्यक्तियों को बैठाना उन्हें वेतन देना इत्यादि खर्च कहां से आता है यह भी गहन जांच का विषय है ।अधिकारियों के संज्ञान तथा समाचार पत्र में प्रकाशित खबरों के बाद भी रूपेश जैन की निरंकुशता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। अब यह सब किसके संरक्षण से हो रहा है यह जांच का विषय है।