बेंगलुरु। साफ्टवेयर की दुनिया के दिग्गज एन आर नारायण मूर्ति ने बुधवार को स्कूली शिक्षकों को भारत और विकसित दुनिया के 10 हजार सेवानिवृत्त विशेषज्ञ शिक्षकों से एसटीईएम (विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित) विषयों में प्रशिक्षण दिलाने के लिए प्रति वर्ष एक अरब अमेरिकी डालर खर्च करने का आह्वान किया।
मूर्ति ने कहा कि हमें अपने शिक्षकों और अनुसंधानकर्ताओं को बहुत सम्मान देने के साथ ही अच्छा वेतन देना चाहिए। हमें अपने अनुसंधानकर्ताओं को बेहतर सुविधाएं भी प्रदान करनी चाहिए। वे हमारे युवाओं के लिए आदर्श हैं। इसीलिए हमने 2009 में इंफोसिस पुरस्कार की स्थापना की। यह भारत में अनुसंधान को बढ़ावा देने की दिशा में हमारा छोटा सा योगदान है।उन्होंने कहा कि एनईपी (राष्ट्रीय शिक्षा नीति) के परिणाम में तेजी लाने का एक संभावित तरीका देश के 28 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों में 2,500 ‘ट्रेन द टीचर’ कालेज के निर्माण के लिए भारत और विकसित दुनिया में एसटीईएम क्षेत्रों में निपुण 10 हजार सेवानिवृत्त शिक्षकों को आमंत्रित करना है।
चार प्रशिक्षक हर साल 200 शिक्षकों को कर सकते हैं प्रशिक्षित
बेंगलुरु में एक संवाददाता सम्मेलन में इंफोसिस के संस्थापक मूर्ति ने कहा कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम सालभर का होना चाहिए। मूर्ति ने कहा कि विशेषज्ञ मुझे बताते हैं कि चार प्रशिक्षकों का प्रत्येक समूह एक वर्ष में प्राथमिक विद्यालयों के 100 शिक्षकों और माध्यमिक विद्यालय के 100 शिक्षकों को प्रशिक्षित कर सकता है। हम इस पद्धति से हर साल प्राथमिक विद्यालय के ढाई लाख शिक्षकों और माध्यमिक विद्यालय के ढाई लाख शिक्षकों को प्रशिक्षित करने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि ये प्रशिक्षित भारतीय शिक्षक पांच साल की अवधि में खुद प्रशिक्षक बन सकते हैं।
प्रत्येक शिक्षक को प्रति वर्ष एक लाख अमेरिकी डालर देना चाहिए
मूर्ति ने कहा कि हमें प्रत्येक सेवानिवृत्त शिक्षक को प्रति वर्ष लगभग एक लाख अमेरिकी डालर का भुगतान करना चाहिए। इस 20 वर्षीय कार्यक्रम पर प्रति वर्ष एक अरब अमेरिकी डालर और 20 वर्षों के लिए 20 अरब अमेरिकी डालर का खर्च आएगा। जल्द ही 50 खरब अमेरिकी डालर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखने वाले हमारे देश के लिए यह कोई बड़ा वित्तीय बोझ नहीं होगा। इंफोसिस संस्थापक ने कहा कि अगर आपको लगता है कि यह महंगा है, तो आपको हार्वर्ड विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष डेरेक बोक के शब्द याद करने चाहिए, जिन्होंने कहा था कि अगर आपको लगता है कि शिक्षा महंगी है, तो इसे नजरअंदाज करने का प्रयास करें।
प्रतिष्ठित इंफोसिस पुरस्कार के विजेताओं के नाम घोषित
इंफोसिस साइंस फाउंडेशन (आइएसएफ) ने भारत में वैज्ञानिक अनुसंधान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए छह लोगों को प्रतिष्ठित इंफोसिस पुरस्कार 2023 देने की बुधवार को घोषणा की। विजेता छह श्रेणियों- इंजीनिय¨रग एवं कंप्यूटर विज्ञान, मानविकी, जीवन विज्ञान, गणितीय विज्ञान, भौतिक विज्ञान और सामाजिक विज्ञान में चुने गए हैं।इंजीनिय¨रग एंड कम्प्यूटर विज्ञान के लिए आइआइटी कानपुर में सस्टेनेबल एनर्जी इंजीनियिरिंग के प्रोफेसर सच्चिदानंद त्रिपाठी को चुना गया है। ह्यूमैनिटीज (मानविकी) के लिए साइंस गैलरी बेंगलुरु की संस्थापक निदेशक जाह्नवी फाल्के को चुना गया है।
13 जनवरी को प्रदान किए जाएंगे पुरस्कार
लाइफ साइंस (जीवन विज्ञान) के लिए आइआइटी-कानपुर में बायलाजिकल साइंस एवं बायोइंजीनिय¨रग के प्रोफेसर अरुण कुमार शुक्ला को पुरस्कृत किया जाएगा। गणितीय विज्ञान (मैथमैटिकल साइंसेज) के क्षेत्र में यह पुरस्कार इंस्टीट्यूट फार एडवांस्ड स्टडी एंड प्रस्टन यूनिवर्सिटी में फर्नहोल्ज संयुक्त प्रोफेसर भार्गव भट्ट को प्रदान किया जाएगा। भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में इस बार मुकुंद थताई को इंफोसिस पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में कोलंबिया विश्वविद्यालय में राजनीति विज्ञान की प्रोफेसर करुणा मंतेना का नाम तय किया गया है। प्रत्येक श्रेणी में पुरस्कार के तौर पर एक स्वर्ण पदक, एक प्रशस्ति पत्र और एक लाख अमेरिकी डालर की राशि प्रदान की जाएगी। पुरस्कार 13 जनवरी को प्रदान किए जाएंगे।