नई दिल्ली। दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जापान की थी। अब यह खिताब जर्मनी को मिल गया है। जापान तीसरी अर्थव्यवस्था के पायदान से फिसलकर चौथे पर आ गया है। चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में जापान की अर्थव्यवस्था में गिरावट देखने को मिली थी। इस गिरावट की वजह से जापान में मंदी के आसार बने हुए हैं। तिमाही- दर-तिमाही के आधार पर जापान की अर्थव्यवस्था में गिरावट देखने को मिली है। इसका मतलब है कि कि तकनीकी तौर पर जापान मंदी की चपेट में आ गया है।
जापान की अर्थव्यवस्था
जापान के कैबिनेट कार्यालय ने बताया कि देश के घरेलू उत्पाद में अक्टूबर-दिसंबर में 0.4 फीसदी की गिरावट आई है। इससे पहले के तिमाही में भी यह 3.3 फीसदी गिरा था। रिपोर्ट के अनुसार घरों और व्यवसायों दोनों में लगातार तीसरी तिमाही में खर्च की कटौती की गई है।
ब्लूमबर्ग के अर्थशास्त्री के अनुसार चौथी तिमाही में जारी घेरलू उत्पाद से संकुचन ने जापान को मंदी की चपेट में डाल दिया है। ऐसे में संदेह है कि बैंक ऑफ जापान ज्लद ही जनवरी में भेजे गए संकेतों का पालन करेगा। यह संकेत वर्तमान नीति से पीछे हटने का संकेत देता है।
चौथी तिमाही में जापान की जीडीपी साल-दर-साल के आधार पर 0.4 फीसदी कम हुई है। वहीं अर्थव्यवस्था में भी 0.1 फीसदी की गिरावट आई है। इसके अलावा चौथी तिमाही में जापान की प्राइवेट खपत में भी 0.2 प्रतिशत गिरावट देखने को मिली है।
उम्मीद की जा रही है जापान की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए ज्लद ही बैंक ऑफ जापान कोई अहम फैसला ले सकता है।
बता दें कि 1960 के दशक के अंत तक जापान दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी। दूसरे से चौथे स्थान पर फिसलने तक जापान को कई जटिल आर्थिक चुनौतियों का सामनाकरना पड़ा था।