चित्रकूट । मध्यप्रदेश विधानसभा चुनावों के प्रचार के दौरान कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने सत्तारूढ़ भाजपा पर निशाना साधते हुए बृहस्पतिवार को मतदाताओं को सत्य की विजय और असत्य की पराजय की ‘‘रामायणकालीन परंपरा’’ याद दिलाई। उन्होंने ‘मामा’ के उपनाम से मशहूर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर भी तंज कसते हुए कहा कि रिश्ता निभाने से बनता है, वरना कंस भी मामा थे।
सतना जिले के चित्रकूट विधानसभा क्षेत्र में चुनावी सभा के दौरान उन्होंने यह बात कही। प्रियंका ने कहा कि मतदाता उन नेताओं के प्रति अपनी ‘‘श्रद्धा’’ थोड़ी कम कर लें, जो चुनाव के दौरान उन्हें धर्म के नाम पर फुसलाकर वोट मांगते हैं। चित्रकूट के बारे में पौराणिक मान्यता है कि यह भगवान राम की तपोस्थली था।
इस क्षेत्र में प्रियंका ने कहा कि भगवान राम के दौर में भी ‘‘सत्य की विजय और असत्य की पराजय’’ की ‘परंपरा’ थी और देश में रामायणकाल से परंपरागत रूप से यह क्रम चला आ रहा है कि आम लोगों के मन में उसी शासक के लिए श्रद्धा होती है जो करुणा और सेवा के भावों के साथ जनता के लिए काम करता है। मतदाताओं से मुखातिब कांग्रेस महासचिव ने कहा,‘‘आप इस परंपरा को मत तोड़िये।
टीवी पर तो आप देखते हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खूब काम करके देश-प्रदेश की तरक्की की है, लेकिन क्या यह तरक्की जमीन पर उतर रही है? जब आपको दिख रहा है कि आप समस्याओं से त्रस्त हो और कोई सुनवाई नहीं हो रही है, तो आप उन नेताओं के प्रति श्रद्धा थोड़ी कम कर लो जो आपको फुसलाकर धर्म के नाम पर आपसे वोट मांगते हैं।’’
उन्होंने यह भी कहा कि रामायण के सिद्धांतों के आधार पर पूरा जीवन जीने वाले महात्मा गांधी ने कांग्रेस को ये ही उसूल सिखाए थे और उन्हें जब गोली लगी, तो दम तोड़ने से पहले उनके मुंह से “हे राम” शब्द ही निकले थे। बड़ी सरकारी कंपनियों के विनिवेश को लेकर सत्तारूढ़ भाजपा पर बरसते हुए प्रियंका ने कहा,‘‘मुझे इससे कोई मतलब नहीं है कि कोई अपने आपको मामा और कोई फकीर कहता है। जब आप देश की बड़ी-बड़ी सरकारी कंपनियां कौड़ियों के दाम पर अपने उद्योगपति मित्रों को दे सकते हैं, तो आप भ्रष्ट हैं।”
कांग्रेस महासचिव ने आगे कहा,‘‘आप अपने आप को कुछ भी कहें, लेकिन इससे बड़ा भ्रष्टाचार और इससे बड़ी गद्दारी कुछ भी नहीं है कि इस देश की संपत्ति आपने गिने-चुने लोगों को सौंप दी।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ भाजपा जातिगत जनगणना से इसलिए दूर भाग रही है, क्योंकि वह “गहराई से” लोगों का विकास नहीं करना चाहती। प्रियंका ने कहा,‘‘उनके (भाजपा) मन में यह बात बैठ गई है कि चूंकि वे केंद्र में 10 साल और मध्यप्रदेश में 18 साल से सरकार चला रहे हैं, इसलिए उन्हें काम करने की जरूरत ही नहीं है। उन्हें लगता है कि वे चुनाव के समय बड़ी-बड़ी घोषणाएं करेंगे और धर्म-जाति की बातों के जरिये लोगों के जज्बात उभारने के आधार पर उन्हें चुनावों में वोट मिल जाएंगे।’’
उन्होंने कहा कि तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान प्रधानमंत्री मोदी के आवास में महज तीन किलोमीटर दूर आंदोलन कर रहे थे, लेकिन उन्होंने किसानों से बात करने का ‘‘कष्ट’’ नहीं किया। कांग्रेस महासचिव ने कहा,‘‘मैंने खुद अपनी आंखों से देखा है कि मेरे पिता राजीव गांधी को अमेठी की महिलाएं सड़क और अन्य समस्याओं का समाधान नहीं होने पर उस वक्त भी डांट दिया करती थीं, जब वह देश के प्रधानमंत्री थे। मेरी दादी इंदिरा गांधी भी प्रधानमंत्री थीं और वह भी जनता के सामने सिर झुकाकर आती थीं और लोग उनसे जवाब मांगते थे।’’