बलिया। पचास वर्ष के हो चुके सिपाहियों को दक्षता टेस्ट के आधार पर सेवानिवृति नहीं, प्रोन्नति दे, उनके अनुभव का लाभ ले और उनका सदुपयोग करें। उन्होंने कहा है कि अपने जीवन का कीमती पचीस तीस वर्ष कानून व्यवस्था को देकर पचास वर्ष के हो चुके सिपाहियों को दक्षता टेस्ट की आड़ में जबरी सेवानिवृति देने की बात सोचना भी गलत है। समाजवादी पार्टी इसे किसी कीमत पर स्वीकार नहीं करेगी। यह बात बुधवार को अपने आवास पर पत्रकारों और समाजवादी साथियों से बातचीत में उत्तर प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष रहे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव रामगोविंद चौधरी ने कही।
कहाकि एक सिपाही को कितने वर्ष नौकरी करनी है, उसे क्या मिलना है, उसे क्या करना है और उसके लिए क्या क्या योग्यता उसके पास होनी चाहिए, यह सब पहले से तय है। इसी तय के आधार पर वह कड़ी परीक्षा देकर सिपाही बना है। उन्होंने कहा है कि इस तय के आधार पर ही सिपाही ड्यूटी करता है और इस तय के आधार पर ही सरकार उससे ड्यूटी लेती है। इसलिए उसकी सेवा निवृति भी तय उम्र पर ही होनी चाहिए। इसके पूर्व उसे सेवानिवृति करना सरासर अन्याय है। रामगोविंद चौधरी ने कहा कि राज्य सरकार पुलिस विभाग में सेवानिवृति की उम्र पचास वर्ष करना चाहती है तो भर्ती से पहले करे और सभी को उसकी विधिवत जानकारी दे। जो युवक पचास वर्ष की सेवानिवृति की उम्र जानकर भर्ती हों, उन्हें पचास वर्ष में सेवानिवृति दे। लेकिन जो साठ वर्ष की सेवानिवृति की उम्र जानकर भर्ती हुए हैं, उन्हें तय उम्र से पहले सेवा से जबरिया वंचित करना किसी कीमत पर कानून सम्मत नहीं है।
कहा कि डबल इंजन की सरकार सभी मोर्चों पर फेल है। इसलिए वह लोगों का ध्यान भटकाने के लिए गैर जरूरी सवालों को उछाला करती है। उन्होंने सपा के साथियों से अपील की कि वे गाँव गाँव जाएं और लोगों को बताएं कि डबल इंजन की सरकार संविधान और लोकतंत्र की विरोधी है। इसलिए इस सरकार का कुर्सी पर बने रहना संविधान और लोकतंत्र के हित में नहीं है।