बहराइच । गर्म हवाओं व लू के प्रकोप से बचने के लिए जिलाधिकारी मोनिका रानी के निर्देश पर जिला आपदा प्रबन्ध प्राधिकरण, बहराइच द्वारा क्या करें और क्या न करें के सम्बन्ध में एडवाईज़री जारी की गयी है। अपर जिलाधिकारी गौरव रंजन श्रीवास्तव की ओर से जारी सुझावों में कहा गया है कि रसोई घर यदि फूस का हो तो उसकी दीवाल पर मिट्टी का लेप अवश्य लगा दें, रसोई घर की छत ऊँची रखी जाये। आग बुझाने के लिए घर में बोरे में भरकर बालू अथवा मिट्टी तथा दो बाल्टी पानी अवश्य रखें तथा हवन आदि का काम सुबह नौ बजे से पहले सम्पन्न कर लें। शार्ट-सर्किट की आग से बचने के लिए बिजली वायरिंग की समय पर मरम्मत करा लें।
इसी प्रकार मवेशियों को आग से बचाने के लिए मवेशी घर के पास पर्याप्त मात्रा में पानी का व्यवस्था रखें एवं उनकी निगरानी अवश्य करते रहें। पटाखे जलाते समय पानी की बाल्टी तथा रेत की पर्याप्त व्यवस्था रखें। जहाँ तक सम्भव हो गर्मियों में दिन का खाना प्रातः 09ः00 बजे से पूर्व बना लें तथा खाना बनाते समय अपने पास 02 बाल्टी पानी भरकर अपने पास अवश्य रखें। ग्रामीण क्षेत्रों में हरा गेहूँ, छीमी भी भुनते हैं। ऐसे में आग लगने से बचने के लिए उन पर निगरानी रखें। आग लगने पर सर्वप्रथम समुदाय के सहयोग से आग बुझाने का प्रयास करें। आवश्यकता होने पर आग बुझाने हेतु फायर ब्रिगेड (101 नम्बर) एवं प्रशासन को सूचित करें एवं उन्हें सहयोग करे।
क्या न करें के सम्बन्ध में सुझाव दिया गया है कि दीपक (दीया), लालटेन, मोमबत्ती को ऐसी जगहों पर न रखें जहाँ से गिरकर आग लगने की सम्भावना हो। कटनी के बाद खेत में छोड़े गए डंठलों में आग नहीं लगायें। घर में किसी भी उत्सव के लिए लगाये गये कनात अथवा टेन्ट के नीचे से बिजली के तार को न ले जायें। जहाँ पर सामूहिक भोजन बनाने इत्यादि का कार्य हो रहा हो, वहाँ पर दो से तीन ड्रम पानी अवश्य रखें। भोजन बनाने का कार्य तेज हवा के समय न करें। जलती हुई माचिस की तीली अथवा अधजली बीड़ी एवं सिगरेट पीकर इधर-उधर ना फेंके। खाना बनाते समय ढीले-ढाले और पॉलिस्टर के कपड़े पहनकर खाना न बनायें हमेशा सूती कपड़ा पहन कर ही खाना बनायें। सार्वजनिक स्थलों, ट्रेनों एवं बसों आदि में ज्वलनशील पदार्थ लेकर न चलें।