रक्षा मंत्री ने मथुरा में सैनिकों के साथ किया योग, फिर किए भगवान बांके बिहारी के दर्शन

मथुरा। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश के मथुरा में शुक्रवार को 1 कोर में सैनिकों के साथ विभिन्न आसन और श्वास अभ्यास करके 10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को मनाने में सशस्त्र बलों का नेतृत्व किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि योग शरीर एवं मन को जोड़ता है और आध्यात्मिक चेतना प्राप्त करने में मदद करता है। यह हमारे आक्रामक क्षमताओं को संभालने में मदद करता है, जो देश की सुरक्षा को लेकर सैनिकों के लिए महत्वपूर्ण है। इसके बाद रक्षा मंत्री ने भगवान बांके बिहारी के दर्शन किए।

रक्षा मंत्री ने इस दिन को राष्ट्र के लिए गर्व का विषय बताया कि दुनिया भारत की इस महान सांस्कृतिक विरासत को उत्साह के साथ स्वीकार कर रही है और अपना रही है। उन्होंने योग को दुनिया तक पहुंचाने का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया। इस कार्यक्रम में सेनाध्यक्ष जनरल मनोज पांडे और 1 कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल संजय मित्रा के साथ वरिष्ठ अधिकारियों, अग्निवीरों, परिवारों और बच्चों सहित 600 लोग शामिल हुए।

इस वर्ष के योग दिवस की थीम ‘स्वयं और समाज के लिए योग’ पर राजनाथ सिंह ने कहा कि योग और ध्यान हमारी संस्कृति का हिस्सा हैं, जो हमेशा ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे संतु निरामया’ की भावना रखती है। यानी हम सभी की खुशी और अच्छे स्वास्थ्य के लिए प्रार्थना करते हैं। हम विश्व के कल्याण के लिए प्रार्थना करते हैं। यह हमारी सभ्यता की विशेषता है। हम सभ्यताओं के टकराव के बजाय सहयोग में विश्वास करते हैं।

राजनाथ सिंह ने कहा कि हर भारतीय सैनिक एक तरह से योगी है। दुनिया ने कई बार हमारे सैनिकों की शारीरिक और मानसिक तंदुरुस्ती देखी है। न केवल सीमाओं पर, बल्कि राष्ट्रीय आपदाओं के दौरान राष्ट्र के लिए उनकी सेवा उनके मजबूत शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का प्रमाण है। जिस तरह से वे विपरीत परिस्थितियों में अनावश्यक आक्रामकता से बचते हैं और जब भी जरूरत होती है देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा के लिए आक्रामक रूप से खड़े होते हैं, वह एक योगी की उनकी पहचान को पुख्ता करता है। उन्होंने सैनिकों से प्रतिदिन योग का अभ्यास जारी रखने का आह्वान किया।

रक्षा मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि भारत एक ऐसे देश के रूप में जाना जाता है जो कभी किसी दूसरे देश पर हमला नहीं करता और विस्तारवादी साम्राज्यवादी नीतियों के खिलाफ है। हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर किसी भी तरह से उसकी संप्रभुता को खतरा होता है तो भारत कड़ा जवाब देने में पूरी तरह सक्षम है।

इस अवसर पर जीओसी, 1 कोर ने राजनाथ सिंह को एक ‘योद्धा स्मृति चिह्न’ भेंट किया, जो सशस्त्र बलों की वीरता और बलिदान का प्रतीक है और सभी को बहादुरी का जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है। रक्षा मंत्री ने 10वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में परिसर में एक पौधा भी लगाया।

योग दिवस के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए रक्षामंत्री सिंह गुरुवार शाम को ही मथुरा पहुंच गए थे। शुक्रवार को योग दिवस के कार्यक्रम के बाद वे बांके बिहारी मंदिर पहुंचे और विधिवत पूजा-अर्चना की। रक्षा मंत्री इस दौरान मंदिर परिसर में करीब 20 मिनट तक रहे। उनके दौरे के मद्देनजर सुरक्षा के लिए कड़े इंतजाम किए गए थे।

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