खूनी मांझे की चपेट में आने से युवक की मौत

हरदोई। विकास खण्ड कछौना की ग्राम सभा बर्राघूमन के ग्राम कटका निवासी दोपहिया सवार एक व्यक्ति की एक सप्ताह पूर्व लखनऊ में प्रतिबंधित चाइनीज खूनी मांझे की चपेट में आने से लखनऊ के ट्रामा सेंटर में इलाज के दौरान मृत्यु हो गई।

बतातें चलें थाना क्षेत्र बघौली के ग्राम कटका निवासी दिवाकर सिंह उर्फ बबलू सिंह के भाई सुधाकर सिंह उम्र 48 वर्ष लखनऊ में एक प्राइवेट कम्पनी में काम करते थे। एक सप्ताह पूर्व वह दोपहिया वाहन से जा रहे थे, इसी दौरान प्रतिबंधित चाइनीज खूनी मांझे की चपेट में आने से वह बुरी तरह से चुटहिल हो गए। जिनका इलाज लखनऊ के ट्रामा सेंटर में चल रहा था, जिनकी शनिवार को इलाज के दौरान मृत्यु हो गई। परिवार पर दुःख का पहाड़ टूट पड़ा, इस घटना से परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है। मृतक के दो बच्चे हैं, उनके सिर से पिता का साया खूनी मांझे ने छीन लिया है। मृतक प्राइवेट कंपनी में काम करके परिवार का भरण पोषण करता था। इस घटना से परिवार के सामने भरण पोषण का संकट खड़ा हो गया है। देश में प्रतिबंध चाइनीज मांझा नायलॉन के धागे में मैटेलिक पाउडर मिलाकर तैयार किया जाता है, जो काफी मजबूत होता है। प्रतिबंध लगाने बाद इसे रखने और इस्तेमाल करने पर अधिकतम 5 साल की सजा और एक लाख रुपये तक जुर्माने का प्रावधान किया हैं। पतंग उड़ाने के लिए सिर्फ सूती धागे के इस्तेमाल करने की इजाजत है, इसके बावजूद प्रशासन का ढीला रवैया के चलते चाइनीज मांझे की धड़ल्ले से बिक्री हो रही है। लोग बैखोफ होकर मांझे को बेच रहे हैं। पतंग के शीकीन लोग बिना डर के इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। आय दिन इसकी वजह से इंसानों से लेकर पशु पक्षियों की जान जा रही है। चाइनीज मांझे के शिकार ज्यादातर दोपहिया वाहन सवार होते हैं।

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