पीलीभीत। बिलसंडा में सरकारी अस्पताल में समुचित व्यवस्था न होने की वजह से एक प्रसूता का झोलाछाप के घर पर प्रसव कराया गया, जहां पर उसने बेटी को जन्म दिया, लेकिन अधिक रक्तस्राव के कारण हालत बिगड़ जाने पर झोलाछाप ने हाथ खड़े कर दिए। जिसके बाद सरकारी अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में प्रसूता की मौत हो गई।
नगर की मदन मोहन कॉलोनी निवासी एक युवक की पत्नी को शनिवार की रात जब प्रसव पीड़ा हुई तो उसने सरकारी अस्पताल ले जाने की बजाय नगर की एक झोलाछाप के घर अपनी पत्नी को ले गया। जहां पर उसका प्रसव कराया गया। प्रसूता ने बेटी को जन्म दिया, लेकिन जन्म देने के बाद रक्तस्राव बंद नहीं हुआ जिसकी वजह से जब उसकी हालत बिगड़ने लगी ,तो झोलाछाप ने हाथ खड़े कर लिए, और प्रसूता को सरकारी अस्पताल या बाहर ले जाकर उपचार कराने को कहा ।बताते हैं कि उसके बाद युवक अपनी पत्नी को एक निजी वाहन से सरकारी अस्पताल ले जा रहा था, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही रास्ते में उसने दम तोड़ दिया। प्रसूता की मौत से घर में कोहराम मच गया। उधर प्रसूता की मौत के मामले के तूल पकड़ने के बाद प्रसूता के घर पुलिस भी पहुंची, लेकिन इस दौरान युवक ने झोलाछाप को बचाने की खातिर मनगढ़ंत कहानी बताते हुए यह लिखकर दे दिया, कि उसकी पत्नी ने वाहन में ही बच्ची को जन्म दिया है, और अस्पताल ले जाते वक्त मौत हुई है। वहीं दूसरी ओर कश्मीर की घनी आबादी के बीचो-बीच संचालित अवैध क्लिनिक के के संचालक छोला छाप के द्वारा पूर्व में भी प्रसब के दौरान बच्चेदानी में कैंची लगने से एक महिला की दर्दनाक मौत हो गई स्वास्थ्य विभाग के अफसर ने झोलाछाप को नोटिस देने के बाद कार्रवाई करने की आज तक जहमत नहीं उठाई जिस कारण झोलाछाप के द्वारा मौत का सिलसिला वरदस्तूर जारी है वहीं दूसरी ओर सच्चाई इसके बिल्कुल विपरीत है। हालांकि सोशल मीडिया पर मामला वायरल होने के बाद स्वास्थ्य विभाग भी हरकत में आ गया। सीएमओ के निर्देश पर पूर्व सीएचसी अधीक्षक डॉ मनीष राज शर्मा ने मामले की जांच शुरू कर दी। उन्होंने बताया कि मामले की गहनता से जांच की जाएगी और दोषी झोलाछाप को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाएगा।
अब तक कई प्रसुताओं की हो चुकी है मौत
नगर के अलग-अलग निजी अस्पतालों में प्रसव के दौरान अब तक कई प्रसुताओं की मौत हो चुकी है। कुछ दिन पहले नगर के ही एक अस्पताल में नवजात एवं जच्चा की हुई मौत की घटना पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा अस्पताल को ही सीज कर दिया गया था।इतना ही नहीं सीएचसी पर भी प्रसव के दौरान अब तक तीन प्रसुताओं की मौत हो चुकी है। बावजूद इसके सीएचसी पर महिला चिकित्सक की तैनाती नहीं हुई है। एएनएम ही प्रसव कराने की जिम्मेदारी निभा रही है। इस बार तो झोलाछाप की वजह से प्रसूता को जान गंवानी पड़ गई।