नई दिल्ली। कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) देश की राजनीति से जुड़े अहम सवालों पर एक बार फिर आमने-सामने हैं। कांग्रेस की तरफ से जम्मू-कश्मीर विधानसभा में लाए गए एक प्रस्ताव को समर्थन देने की घटना को भाजपा ने देश के विभाजन का प्रयास बताया है। तेलंगाना में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सीआर केसवन ने कहा, कांग्रेस ने कल जम्मू-कश्मीर विधानसभा में एक प्रस्ताव को सामरिक समर्थन दिया।इसका उद्देश्य भारत को विभाजित करना है। कांग्रेस पार्टी ने हमारे संविधान का अपमान किया है।
राहुल गांधी को यासीन मलिक की पत्नी के पत्र पर भी गंभीर सवाल
सीआर केसवन ने कहा कि कांग्रेस ने न केवल देश की संसद का अपमान किया है, बल्कि उसने सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणियों की भी अवहेलना की है। उन्होंने यासीन मलिक की पत्नी के पत्र को लेकर भी सवाल खड़े किए। केसवन ने कहा, ‘अभी हाल ही में, जेल में बंद एक आतंकवादी यासीन मलिक की पत्नी ने राहुल गांधी को पत्र लिखा है। उनकी मांग है कि राहुल गांधी को एक सांसद के रूप में इस आतंकवादी की रिहाई का मुद्दा उठाना चाहिए।’
वायनाड उपचुनाव में कांग्रेस को जमात-ए-इस्लामी के राजनीतिक प्रतिनिधि का समर्थन
उन्होंने सवाल किया कि क्या यह आतंकवादी जम्मू-कश्मीर में शांति लाएगा? केसवन ने केरल की लोकसभा सीट से होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस की टिकट पर प्रियंका की उम्मीदवारी पर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ‘प्रियंका गांधी और कांग्रेस पार्टी को अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए कि क्या वे इस उपचुनाव में जमात-ए-इस्लामी के राजनीतिक प्रतिनिधि का समर्थन स्वीकार करते हैं। क्या यही कारण है कि गांधी परिवार हमेशा केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ना पसंद करता है।
देश की एकता को तोड़ने का आरोप
एक अन्य भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कांग्रेस के साथ-साथ आम आदमी पार्टी (AAP) को भी आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, ‘चाहे अरविंद केजरीवाल हों, राहुल गांधी हों या फिर INDI गठबंधन के नेता हों, वे देश की एकता को तोड़ने का काम कर रहे हैं। संविधान का भी अपमान कर रहे हैं।
भाजपा बोली- अरविंद केजरीवाल को शर्मिंदगी होगी
भाटिया ने कहा कि जो धर्मांध बेईमान लोग हैं, जो जमानत पर बाहर हैं और दिल्ली की जनता को धोखा दे रहे हैं – उनके बारे में बात करना जरूरी है, ये पाप AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल को शर्मिंदा करेंगे। उन्होंने कहा, ‘एक तरफ गरीब लोगों के लिए, झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले दिल्ली के लोगों के लिए बारह गज, अठारह गज और पच्चीस गज के मकान की व्यवस्था की गई है, जबकि दूसरी तरफ केजरीवाल के लिए – बंगले का बंदोबस्त है। यह दिखाता है कि इन्हें आम आदमी से कोई सरोकार नहीं है।