कलेक्ट्रेट में अब नहीं होगा कार्य बहिष्कार, सभी स्थानांतरण निरस्त

पीलीभीत। लिपिक संवर्ग के कर्मचारियों को स्थानांतरण शासन की नीति के विरुद्ध किए जाने का आरोप लगाते हुए उत्तर प्रदेश कलेक्ट्रेट मिनिस्टीरियल कर्मचारी संघ की जिला शाखा ने रोष जताते हुए एक दिवसीय कार्य बहिष्कार आंदोलन की चेतावनी दी थी। लेकिन बीच में ही जिलाधिकारी ने स्थानांतरण आदेश को निरस्त कर दिया है। साथ ही सभी कर्मियों को निर्देशित किया कि वे पूर्व की भांति अपनी अपनी तैनाती स्थल पर कार्य करना सुनिश्चित करें। इसके बाद संघ की ओर से कार्य बहिष्कार आंदोलन को वापस ले लिया गया।

जिलाधिकारी संजय कुमार सिंह ने जारी अपने आदेश में कहा कि विगत 26 जून एवं पहली जुलाई को जारी किए गए आदेश तत्काल प्रभाव से निरस्त किया जाता है। साथ ही संबंधित स्थानांतरित कर्मचारियों को निर्देशित किया जाता है कि वे पूर्व की भांति अपनी अपनी तैनाती स्थल पर कार्य करना सुनिश्चित करेंगे।

ट्रांसफर को शासन की नीति के विरुद्ध बताया था
गत दिवस कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों ने पिछले दिनों किए गए स्थानांतरण आदेश और उसके बाद जारी हुए संशोधित स्थानांतरण आदेश को शासन की नीति के विरुद्ध बताते हुए मंगलवार को कार्य बहिष्कार आंदोलन करने की चेतावनी दी थी।

पदाधिकारियों का कहना था कि कलेक्ट्रेट में लिपिक संवर्ग के वार्षिक स्थानांतरण किए गए। उसके उपरांत उस स्थानांतरण आदेश का संशोधित आदेश निर्गत किया गया है। आरोप लगाया कि वार्षिक तबादलों में शासन की स्थानांतरण नीति का अनुपालन नहीं किया गया है। शासन की मंशा के विपरीत स्थानांतरण प्रस्ताव प्रस्तुत किए गए है।

11 माह में किया ट्रांसफर
अमित सक्सेना वरिष्ठ सहायक की 17 वर्ष की सेवाकाल में अब से पूर्व 15 स्थानांतरण हुए हैं। मात्र 11 माह उपरांत इस वर्ष भी 16 वी बार पुनः उनका पहले स्थानांतरण किया गया तथा पुनः संशोधित आदेश में फिर स्थानांतरण बिना किसी प्रशासनिक आधार के कर दिया गया है

प्रियांशु पांडेय एवं जयप्रकाश गंगवार वरिष्ठ सहायक के स्थानांतरण 11 माह की अल्प अवधि में बिना किसी प्रशासनिक आधार के कर दिए गए हैं। जनपद शाखा के पदाधिकारियों के अनुसार जिलाधिकारी ने उनकी समस्याओं को सहानुभूतिपूर्वक सुना था।

संघ के जिलाध्यक्ष अश्वनी राजा ने बताया कि जिलाधिकारी ने सभी स्थानांतरण निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया है। ऐसे में अब कार्य बहिष्कार आंदोलन का कोई औचित्य नहीं रह गया। सभी कर्मचारियों अपने अपने पूर्व तैनाती स्थलों पर कार्य करना शुरू कर दिया है।

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