राज्य मंत्री से मुलाकात कर कुड़ा निस्तारण में आ रही समस्या से कराया गया अवगत
स्थानीय लोगों के विरोध के कारण पूर्व में निर्धारित जगह पर कूड़े का निस्तारण है ठप
चोपन। नगर पंचायत की आबादी 13 वार्डों में लगभग 32 हजार है यहां कूड़ा निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं है। नगर के लगभग 4 हजार घरों से प्रतिदिन करीब 8 टन कूड़ा निकलता है, जिसके निस्तारण का कोई ठोस उपाय जमीन न होने के कारण अभी तक नहीं किया जा सका है। इन कूड़ों को प्रतिदिन उठाकर नगर में ही रेलवे की खाली पड़ी भूमि में कूड़े का निस्तारण किया जाता था। कुछ तथाकथित लोगों द्वारा रेलवे से शिकायत कर दिया गया जिसके बाद 2 माह से रेलवे द्वारा अपनी भूमि में कूड़ा निस्तारण हेतु मना कर दिया गया है जबकि जबसे नगर पंचायत का गठन हुआ है तभी से कुड़ा रेलवे की खाली पड़ी जमीन पर ही गिराया जाता रहा है अब रेलवे के मना कर देने के बाद नगर का कूड़ा प्रीत नगर गड़इडीह में स्थित एम०आर०एफ० सेन्टर पर गिराया जाता था, परन्तु वहां पर भी स्थानीय लोगों के विरोध के कारण कूड़े का निस्तारण ठप हो गया है। वर्तमान में नगर पंचायत चोपन के पास कूड़ा निस्तारण हेतु कोई भी भूमि उपलब्ध नहीं है।
नगर में कूड़ा निस्तारण की उचित व्यवस्था न होने के कारण पिछले कुछ दिनों से नगर का कूड़ा नहीं उठ पा रहा है। जिससे नागरिकों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। गुरुवार को मंडल अध्यक्ष सुनील सिंह, नगर पंचायत अध्यक्ष उस्मान अली ने राज्य मंत्री संजीव सिंह गोंड़ से मुलाकात कर नगर के कुड़ा निस्तारण को लेकर आ रही समस्या से अवगत कराया जिसपर राज्य मंत्री द्वारा तत्काल जिलाधिकारी से वार्ता कर कुड़ा निस्तारण की समस्या का अविलंब हल निकालने की बात कही वहीं उपजिलाधिकारी ओबरा विवेक सिंह से भी मुलाकात कर समस्या से अवगत कराया गया जिसपर उन्होंने रेलवे से वार्ता कर कुड़ा निस्तारण की वैकल्पिक व्यवस्था में सहयोग देने की बात कही साथ ही क्षेत्रीय लेखपाल को भी कुड़ा निस्तारण हेतु जगह मुहैया कराने को लेकर आदेश दिया इस बाबत नगर पंचायत अध्यक्ष उस्मान अली ने बताया कि कूड़ा निस्तारण हेतु जमीन के लिए सभी उच्चाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है तथा अपने स्तर से भी नगर में भूमि की तलाशी की जा रही हैं नगर पंचायत की अधिकांश भूमि विवादित होने के कारण जगह ढूंढने में काफी दिक्कत आ रही है, फिर भी प्रयास किया जा रहा है। जल्द ही इसका समाधान ढूंढ लिया जाएगा।