ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी भी हुए थे चिटफंड घोटालों का शिकार

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने मंगलवार को खुलासा किया कि वे भी चिटफंड घोटालों के शिकार रह चुके हैं. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे पोंजी स्कीमों के प्रति सतर्क रहें और अपनी मेहनत की कमाई को बचाने के लिए जागरूक बनें. मुख्यमंत्री ने यह बात राज्यस्तरीय राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस समारोह के दौरान कही.

मुख्यमंत्री ने अपने अपनी बात साझा करते हुए बताया कि वे दो बार चिटफंड घोटालों में ठगे जा चुके हैं. ‘1990 और 2002 में दो पोंजी कंपनियों ने मुझे ठगा. मैंने उन योजनाओं में पैसे जमा किए, लेकिन जब मच्योरिटी का समय आया, तो वे कंपनियां गायब हो गईं.’ माझी ने आगे कहा, उन्होंने यह भी बताया कि ठगे गए पैसों को वापस पाने की प्रक्रिया इतनी लंबी और कठिन थी कि वे अपने पैसे वापस नहीं ले सके.

अभी तक नहीं मिला पैसा
मुख्यमंत्री ने पोंजी कंपनियों के एजेंटों द्वारा किए जाने वाले मीठे वादों को धोखा बताते हुए कहा कि इन्हीं बातों से प्रभावित होकर उन्होंने पैसे जमा किए थे. उन्होंने कहा ‘वे योजनाओं को बहुत आकर्षक तरीके से पेश करते थे और मैंने भी उनके झांसे में आकर निवेश कर दिया, लेकिन आखिरी तक मैं अपने पैसे नहीं पा सका.

केंद्र की कोशिशों को सराहा
माझी ने उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए केंद्र सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की. उन्होंने कहा कि वर्तमान में स्थिति काफी बदल चुकी है. मुख्यमंत्री ने बताया कि ‘अब केंद्र ने चिटफंड घोटालों को रोकने और उपभोक्ताओं को ठगे जाने से बचाने के लिए सख्त कानून बनाए हैं और नियमों को मजबूत किया है. यह कदम उपभोक्ताओं को सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है.’

कंपनियों के झांसे में न आएं- सीएम
इसके साथ ही उन्होंने लोगों से अपील की कि वे किसी भी निवेश से पहले पूरी जानकारी हासिल करें और पोंजी कंपनियों के झांसे में न आएं. माझी ने कहा कि ऐसी धोखाधड़ी को रोकने के लिए जागरूकता और सतर्कता जरूरी है. अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए.

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