राम मोहन गुप्ता
बीकेटी लखनऊ सनातन संस्कृति में त्योहारों का विशेष महत्व है प्राचीन काल से ही हिंदू धर्म में त्योहार के साथ कोई न कोई घटना, कहानी जुड़ी हुई है पुराणों में रक्षाबंधन का उल्लेख मिलता है। रक्षा हेतु इन्द्राणी ने इन्द्र सहित देवताओं की कलाई पर रक्षासूत्र बांधा और इन्द्र ने राक्षसों से युद्ध में विजय पायी। एक कथा के अनुसार राजा बलि को दिये वचन अनुसार भगवान विष्णु बैकुंठ छोड़कर बलि के राज्य की रक्षा के लिये चले गये। तब देवी लक्ष्मी ने ब्राह्मणी का रूप धर श्रावण पूर्णिमा के दिन राजा बलि की कलाई पर पवित्र धागा बांधा, उनके कहने पर बलि ने भगवान विष्णु से बैकुंठ लौटने की विनती की। रावण की बहन शूर्पणखा लक्ष्मण के द्वारा नाक काटने के पश्चात रावण के पास पहुंची और खून से मैली साड़ी का एक छोर रावण की कलाई में बांध दिया और कहा भैया जब-जब आप अपनी कलाई को देखोगे आपकी अपनी बहन का अपमान बाद आयेगा और मेरी नाक काटने बालों से तुम बदला ले सकोगे। भगवान श्री कृष्ण के हाथ में चोट लगने पर एक बार द्रौपदी ने अपनी चुनरी का किनारा फाड़ कर घाव पर बांध दिया था।दुशासन द्वारा द्रौपदी का चीरहरण प्रयास इसी बंधन के प्रभाव से असफल हुआ। श्री कृष्ण ने द्रौपदी की रक्षा की। भाई बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक रक्षाबंधन का त्यौहार प्रत्येक वर्ष सावन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष रक्षाबंधन 19 अगस्त को सोमवार के दिन मनाया जाएगा रक्षाबंधन त्यौहार को देखते हुए बाजारों में चहल-पहल का माहौल है वहीं राखी की दुकानों पर क्या बच्चे क्या महिलाओ की भीड़ दिखाई दे रही है बाजार में 10रुपए से लेकर 20 रुपए 40रुपए 50 रुपए की राखियां बिक रही है। नगर पंचायत महोना इटौंजा बख्शी तालाब में त्योहार को देखते हुए मिठाई की दुकान, राखी की दुकान पर लोगों की भीड़ दिखाई दे रही है। रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहन के प्रेम का अटूट संबंध को दर्शाता है इस दिन बहने अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती, वही भाई भी अपनी बहनों की रक्षा के लिए वचन देते हैं।