पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को निधन हुआ था. शनिवार को दिल्ली के निगमबोध घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया गया. अब उनके स्मारक को लेकर प्रक्रिया शुरू हो गई है. केंद्र सरकार ने स्मारक के लिए कुछ जगहों के सुझाव दिए हैं. मनमोहन सिंह के परिवार को कुछ विकल्प दिए गए हैं.
केंद्र सरकार ने परिवार से कहा है कि वो दिए गए विकल्पों में से कोई एक स्थान का चयन कर लें. ताकि स्मारक का काम शुरू हो सके. हालांकि इसके लिए पहले ट्रस्ट का गठन जरूरी है. नई नीति के अनुसार जमीन केवल ट्रस्ट को ही आवंटित की जा सकती है. ट्रस्ट बनने के बाद ही स्मारक के निर्माण का काम शुरू किया जा सकता है.
यहां दी जा सकती है एक से डेढ़ एकड़ जमीन
स्मारक की जमीन के लिए ट्रस्ट आवेदन करेगा. जमीन आवंटन के बाद सीपीडब्ल्यूडी के साथ एमओयू पर दस्तखत होंगे. सूत्रों के अनुसार, मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए राजघाट, राष्ट्रीय स्मृति स्थल या किसान घाट के पास एक से डेढ़ एकड़ जमीन दी जा सकती है.
स्मारक के लिए अधिकारियों ने किया दौरा
शहरी विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने स्मारक के लिए राजघाट और उसके आसपास के इलाके का दौरा किया है. यह भी संभावना है कि डॉ मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए नेहरू-गांधी परिवार के नेताओं की समाधि के पास जगह दी जाए. यहां पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी और संजय गांधी की समाधि है.
बता दें कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक को लेकर कांग्रेस लगातार सरकार पर हमलावर है. बीते दिनोंकांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अंत्येष्टि और स्मारक के लिए स्थान नहीं ढूंढ पाना भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री का जानबूझकर किया गया अपमान है. इस पर बीजेपी की ओर से जवाब भी दिया गया था.
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा था कि कोई अपमान नहीं किया गया. आने वाले दिनों में स्मारक जरूर बनेगा. जो लोग विवाद पैदा कर रहे हैं उन्हें खुली छूट नहीं देनी चाहिए. सिख समुदाय ने आकर उनके (पूर्व पीएम मनमोहन सिंह) लिए प्रार्थना की. हमने हमेशा उनके काम की प्रशंसा की है और उनसे प्रेरणा ली है.