दुर्घटनाग्रस्त गाड़ी को गांजा तस्करी में किया था सीज
वाहन स्वामी ने मनियर पुलिस पर फर्जी मुकदमा दर्ज करने का लगाया आरोप
वाहन स्वामी ने सीएम व एसपी को पत्र भेजकर न्याय की लगाई गुहार
बलिया। मनियर पुलिस ने 23 नवंबर को जिस कार को गांजे के साथ बरामद दिखाया था, उसी कार को क्षतिग्रस्त हालत में 21 नवंबर को ही ट्रैक्टर से खींच कर थाने ले जाने का वीडियो सामने आ गया है। यहीं नहीं कार स्वामी ने सीएम और एसपी को पत्र भेज कर मनियर पुलिस द्वारा फर्जी तरीके से कार को मादक पदार्थ की तस्करी के मुकदमे में फंसाने का आरोप लगाया है। जबकि मनियर पुलिस इससे इंकार कर रही है। सच कौन बोल रहा है इस पर से पर्दा बाद में उठेगा, लेकिन यह सवाल जरूर उठ रहा है कि 21 नवंबर को जब्त कार को दो दिन बाद बरामद क्यों दिखाया गया।
सिकंदरपुर थाना क्षेत्र के बनहरा निवासी नितेश कुमार राय ने मुख्यमंत्री व एसपी को पत्र भेज कर स्थानीय व मनियर पुलिस पर साठगांठ कर फर्जी मुकदमे में फंसाने का आरोप लगाया है। कहा कि पुलिस ने पूर्वाग्रह से ग्रसित हो मनगढ़ंत पटकथा रच कर फंसाने का कुत्सित प्रयास कर रही है। उल्लेख किया है कि उनकी कार से उनके बड़े भाई नीरज राय 20 नवंबर को घर लौट रहे थे। पंदह ब्लॉक के पास गाड़ी किसी पत्थर से टकराकर खेत में उतर गई। गाड़ी चालू नहीं होने पर नीरज गाड़ी वहीं छोड़कर घर चले आए। 21 नवंबर को कार लेने पहुंचे तो गाड़ी घटनास्थल पर नहीं थी। आसपास के लोगों ने सिकंदरपुर पुलिस द्वारा गाड़ी ले जाने की बात बताई। एसएचओ सिकंदरपुर से संपर्क किया गया तो पता चला कि कार को मनियर पुलिस ले गई है। इसे उसी दिन एक ट्रैक्टर के सहारे खींच कर मनियर पुलिस थाने लेकर चली गई। इसकी डेट के साथ विभिन्न स्थानों के सीसीटीवी फुटेज भी मिला है। आरोप है कि इस संबंध में जब एसएचओ मनियर से बात की गई तो उन्होंने गाड़ी छोड़ने की बात कही, लेकिन 23 नवंबर की रात एनडीपीएस एक्ट में उक्त कार की बरामदगी दिखाकर मुकदमा दर्ज कर दिया। 21 नवंबर को फुटेज में दिख रहा है कि ट्रैक्टर से कार को खींच कर ले जाया जा रहा है। नीतेश के आरोपों को दरकिनार भी करें तो यदि कार को 21 नवंबर को पकड़ा गया था तो 23 नवंबर को बरामदगी क्यों दिखाई गई? आखिरकार दो दिन तक अंदरखाने कौन सा खेल चल रहा था। उधर एसएचओ मंतोष सिंह ने ऐसी किसी शिकायत और फुटेज की जानकारी से इंकार किया। कहा कि कार को गांजे के साथ 23 नवंबर को ही पकड़ा गया था।