नगर पंचायत का भवन हुआ जर्जर,

छत से गिरता पपरा कर्मचारी या आम कस्बेवासी के लिए बन सकता दुर्घटना का कारण

सिंगाही खीरी। नगर पंचायत का भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है। लगभग 67 साल पूर्व बने नगर पंचायत भवन की दीवारें दरक चुकी हैं। भवन की छतों में कई स्थानों पर छत का पपरा टूटा हुआ है। बारिश के दिनों में छत से टपकते हुए पानी से फाइलों को बचाना पड़ता है। जर्जर भवन में छत से गिरता पपरा कभी भी कर्मचारी या फिर आम कस्बेवासी के लिए दुर्घटना का कारण बन सकता है।

दरअसल वर्ष 1955 में नगर पंचायत गठन किया गया। उसके पूर्व क़स्बे में पंचायत भवन कार्यालय हुआ करता था। इसके बाद वर्ष 1955 में नगर पंच कार्यालय बनने की शुरूआत हुई। नगर पंचायत के दर्जे में समय दर सयम वृद्धि होती गई। इसके बाद नगर पंचायत को आदर्श नगर पंचायत का दर्जा दे दिया गया। बीतते वक्त के साथ नगर पंचायत का दर्जा तो बढ़ता गया लेकिन इमारत जर्जर होती चली गई। सूबे में सत्ता परिवर्तन के बाद वर्ष 2017 में नगर पंचायत में पंडित दीनदयाल उपाध्याय की योजना भी शामिल हुई। परिवर्तन के साथ लोगों में क़स्बे के बदलाव की उम्मीद जगी वहीं कर्मचारियों ने आश लगाई कि नगर पंचायत कार्यालय के भवन की भी सूरत भी बदलेगी लेकिन ऐसा नहीं हो सका। हालात यह हो गए कि बारिश के दिनों में कार्यालय में टपकती छत के कारण कर्मचारियों को बैठने में मुश्किल होती है। वर्तमान में नगर पंचायत कार्यालय की दीवारें कई जगहों से दरक चुकी है। छत मे पड़ी छड़े भी पूरी तरह से जंग खा चुकी हैं। ऐसे में जर्जर भवन में कर्मचारियों और आमजन के साथ दुर्घटना की आशंका बनीं रहती है।

वर्जन —

अधिशासी अधिकारी अवधेश कुमार मिश्रा ने बताया कि नगर पंचायत भवन की समय-समय पर मरम्मत कराई जाती है। नगर पंचायत की जर्जर बिल्डिंग को लेकर चेयरमैन द्वारा शासन को पत्र भेजा गया है। शासन से स्वीकृति मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। जिससे जर्जर भवन तोड़कर नई इमारत जल्द ही बनाई जाएगी।

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