भाजपा प्रत्याशी न जिता पाने का झज्जर व रोहतक के लोगों को मलाल

-दोनों जिलों से एक निर्दलीय और कांग्रेस के सात विधायक जीते

झज्जर। हरियाणा की नई सरकार में झज्जर और रोहतक जिले काे प्रतिनिधित्व नहीं मिल सका है क्योंकि दोनों जिलों में भारतीय जनता पार्टी का एक भी उम्मीदवार जीत नहीं सका था। हालांकि बहादुरगढ़ के निर्दलीय विधायक राजेश जून ने भाजपा सरकार को समर्थन दे दिया है लेकिन उन्हें मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है और निकट भविष्य में कोई उम्मीद भी नहीं है। लोगों को इस बात का मलाल है कि वे किसी भी भाजपा उम्मीदवार को नहीं जिता सके।

झज्जर और रोहतक जिलों से भाजपा का कोई भी उम्मीदवार जीत दर्ज नहीं कर सका था। झज्जर से कांग्रेस की गीता भुक्कल, बादली से कांग्रेस के कुलदीप वत्स और बेरी से कांग्रेस के डॉ. रघुवीर कादियान विधायक बने एमएलए बने हैं। बहादुरगढ़ से कांग्रेस के बागी राजेश जून निर्दलीय चुनाव जीत कर विधायक बने और राज्य में बहुमत में आई भाजपा की सरकार को समर्थन दे दिया है।

उधर, रोहतक जिले में रोहतक सीट से कांग्रेस के भारत भूषण बत्रा, कलानोर से कांग्रेस की शकुंतला खटक, महम से कांग्रेस के बलराम डांगी और गढ़ी सांपला किलोई से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा चुनाव जीते हैं। रोहतक जिले को भी राज्य सरकार के नए मंत्रिमंडल से प्रतिनिधितत्व नहीं मिल सका।

पिछले पांच साल पहले भी इन दोनों जिलों की जनता को भाजपा की मनोहर सरकार-2 में प्रतिनिधित्व नहीं मिला था। क्योंकि दोनों जिलों की आठ सीटों में किसी भी सीट पर भाजपा का उम्मीदवार जीत दर्ज नहीं कर सका था। बादली से भाजपा के कद्दावर नेता ओमप्रकाश धनखड़, बहादुरगढ़ से नरेश कौशिक, बेरी से विक्रम कादियान और झज्जर से डॉ. राकेश भी विधायक नहीं बन पाए थे।

हालांकि मनोहर सरकार-1 और भूपेंद्र हुड्डा के नेतृत्व वाली दोनों कांग्रेस सरकारों में इन जिलों का पर्याप्त भागीदारी रही थी। मनोहर सरकार में मनीष ग्रोवर की कद्दावर मंत्री के रूप में उपस्थिति रहीं। भूपेंद्र हुड्डा के दोनों मुख्यमंत्रित्व काल में झज्जर की विधायक गीता भुक्कल शिक्षा मंत्री रहीं और बेरी से विधायक रघुवीर कादियान हुड्डा की पहली सरकार में विधानसभा अध्यक्ष रहे थे।

इस वर्ष के विधानसभा चुनाव में दोनों जिलों से भाजपा के किसी भी प्रत्याशी का न जीतना स्थानीय लोग इसे घाटे का सौदा मान रहे हैं। रोहतक निवासी राजेंद्र सिंह राठी ने कहा कि सरकार में हमारे जिले का साझा होता तो विकास कार्य निर्बाध गति से होते। अब हमारे जिलों के लोगों को अपने छोटे-छोटे कार्यों के लिए भी भटकना पड़ेगा। बहादुरगढ़ निवासी मुकेश कुमार का कहना है कि वे अपनी समस्याएं किसे बताएंगे।

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