पश्चिम बंगाल में आतंकवादियों की घुसपैठ का मुद्दा बीजेपी जोर-शोर से उठाती रही है. लेकिन अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने आतंकवाद के मुद्दे पर बीजेपी पर पलटवार किया है और बीएसएफ पर गंभीर आरोप लगाया है.ममता बनर्जी ने कहा कि इस्लामपुर, सीताई, चोपड़ा के रास्ते से आतंकवादी घुस रहे हैं. हमारे पास खबर है. सीमा बीएसएफ के हाथों में है. बीएसएफ की गलतियों की वजह से तृणमूल को लोग गाली न दें.
वहीं उत्तर 24 परगना में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि यह बयान हास्यास्पद है. पश्चिम बंगाल सरकार पहले बांग्लादेशियों के लिए लाल कालीन बिछाती है और फिर अभिषेक बनर्जी बांग्लादेश के नाम पर राजनीति करते हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए नर्सरी बन गया है.
अभिषेक बनर्जी ने किया दावा
अभिषेक बनर्जी का दावा है कि बीजेपी बांग्लादेश को बदनाम करने की साजिश रच रही है. उनका कहना है कि केवल उनके राज्य से ही नहीं बल्कि त्रिपुरा-असम जैसे बीजेपी शासित राज्यों से भी उग्रवादी पकड़े गए हैं. त्रिपुरा से जितने भी लोग पकड़े गए हैं तो इसमें वहां की सरकार की क्या भूमिका है? वहां तो डबल इंजन सरकार है? असम की सरकरा क्या कर रही है?
एक्शन में राज्य पुलिस की तारीफ की
डायमंड हार्बर से सांसद अभिषेक बनर्जी ने पहले आरोप लगाया था कि सीमा पार से कोयला लाने के लिए मवेशियों की तस्करी है. हालाांकि अभिषेक बनर्जी ने बंगाल पुलिस की तारीफ की. उन्होंने कहा कि अगर बांग्लादेशी पुलिस मदद नहीं करती तो क्या उग्रवादी पकड़े जाते? बंगाल को अशांत करने की कोशिश कौन कर रहा है? बीएसएफ ने सीमा पर क्या किया?
तृणमूल सांसद इससे पहले भी कई बार बीएसएफ पर हमला कर चुके हैं. उनका आरोप है कि बीएसएफ की नाक के नीचे गायों की तस्करी होती है, कोयले की तस्करी होती है. उन्होंने सवाल उठाया कि कोलियरी सुरक्षा का प्रभारी कौन है? सीआईएसएफ. सीमा सुरक्षा का प्रभारी कौन है? बीएसएफ. तो गौ तस्करी कैसे हो रही है? कोयले की तस्करी कैसे हो रही है?
अभिषेक बनर्जी के दावों पर सवाल
गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में कई उग्रवादियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इस पर गिरिराज सिंह से पहले विधानसभा के विपक्षी सदस्य सुवेंदु अधिकारी ने भी ममता सरकार की भूमिका पर सवाल उठाया था. वहीं पूर्व बीएसएफ अधिकारी समीर मित्रा का कहना है कि जो लोग ये टिप्पणियां कर रहे हैं उन्हें पता होना चाहिए कि ये देश के लिए कितना खतरनाक है. अगर बीएसएफ आतंकवादियों की घुसपैठ में मदद कर रही है तो यह बहुत ही चिंताजनक है, इसका सबूत सामने रखना चाहिए. अदालत में जाना चाहिए और तुरंत सुनवाई की मांग करनी चाहिए.