देवरिया। हिरिंदापुर के मझरठिया टोले में गुरुवार की रात करीब 11 बजे बड़ा हादसा हो गया। शार्ट सर्किट से झोपड़ी में आग लग गई। आग बुझाने के दौरान झुलसने से युवक की मृत्यु हो गई। हादसे के बाद परिवार में मातम छा गया। मौके पर पहुंची राजस्व विभाग की टीम ने नुकसान का ब्योरा बनाकर तहसीलदार को सौंप दिया।
मझरठिया टोले के रहने वाले 35 वर्षीय रंजीत प्रजापति गुरुवार की रात घर में सोए थे। तभी बगल में स्थित उनकी रिहायशी झोपड़ी में अचानक शार्ट सर्किट से आग लग गई। आग लगते ही अफरा-तफरी मच गई। पत्नी के शोर करने पर आसपास के लोग पहुंचे।
झोपड़ी में बंधी बकरियों व बछिया को बचाने व आग बुझाने के लिए रंजीत झोपड़ी में घुस गए। इसी दौरान झोपड़ी अचानक उनके ऊपर गिर गई और वह दब गए। आग की लपटों से घिरने के चलते झुलस गए।
आसपास के लोगों ने मशक्कत के बाद बाहर निकाला और महर्षि देवरहा बाबा मेडिकल कालेज पहुंचाया, जहां चिकित्सक ने मृत घोषित कर दिया। परिवार में पिता राम नक्षत्र, मां कमलावती, पत्नी पूनम सहित बेटा शिवम, लट्टू तथा बेटी शिवानी हैं। स्वजन दहाड़ मारकर रोने लगे।
आंखों के सामने ही सूनी पूनम की मांग
गांव के रंजीत कुमार मजदूर थे। बाजार में पल्लेदारी कर पांच लोगों का पेट भरते थे। वह माता-पिता की इकलौते पुत्र थे। पत्नी पूनम ने रंजीत को जगाया और आग लगने की जानकारी दी। जब रंजीत आग बुझाने के लिए आगे बढ़े तो झोपड़ी उनके ऊपर गिर गई।
पत्नी के सामने ही आग शरीर में पकड़ लिया और रंजीत जलने लगे। पति को बचाने के लिए पूनम शोर करती रही। ग्रामीणों के प्रयास के बाद भी रंजीत को नहीं बचाया जा सका। अब परिवार के लोगों का भरण पोषण कैसे होगा, यह सवाल सभी के जेहन में कौंध रहा है।
पांच दिन पहले बनकटा में जिंदा जला था मासूम
बनकटा थाना के पकड़ी नरहिया में दूधनाथ की झोपड़ी में पांच दिन पहले आग लग गई थी। ननिहाल आए तीन वर्षीय रोशन जिंदा जल गया था। जिससे उसकी मृत्यु हो गई थी।