-वैष्णव रीति से सम्पन्न हुई गुरुवर्गों की विग्रह प्रतिष्ठा
-अनेक देशी विदेशी वैष्णव सन्यासियों का हुआ आगमन
मथुरा। श्री केशवजी गौड़ीय मठ में चल रहे जन्माष्टमी एवं नवीन मंदिर उद्घाटन महोत्सव 26 अगस्त सोमवार पूर्ण वैष्णव विधि विधान के साथ ठाकुरजी की विग्रह नवीन मंदिर में स्थापित होने के साथ ही गुरुवर्गोंं की विग्रह प्रतिष्ठा की गई।
श्रीकेशवजी गौड़ीय मठ के पूर्व आचार्य नित्यलीला प्रविष्ट श्रीमद् भक्तिवेदान्त नारायण गोस्वामी महाराज के समय में ही मंदिर के प्राचीन भवन की जर्जर स्थिति को देखते हुए नवीन मंदिर निर्माण की परिकल्पना हो चुकी थी परन्तु इससे पूर्व ही श्रील महाराजश्री ठाकुर श्रीराधाविनोद बिहारी की नित्यलीला में प्रविष्ट हो गये। अपने गुरुदेव की नवीन मंदिर बनवाने की हार्दिक इच्छा को ध्यान में रखते हुए ट्रस्ट के वर्तमान सभापति श्रील माधव गोस्वामी महाराज ने 2022 में नवीन मंदिर निर्माण की नींव रखी जो वर्तमान में गुरुजनों एवं वैष्णवों के आशीर्वाद से भव्य रूप में पूर्ण हुआ।
उक्त मंदिर के उद्घाटन महोत्सव के कार्यक्रमों के अंतर्गत जन्माष्टमी की प्रातःबेला में श्रील माधव महाराज के आनुगत्य में मंदिर निर्माण के दौरान अस्थायी रूप से अन्य भवन में विराजमान ठाकुर राधा विनोदबिहारी गौरांग महाप्रभु श्रीगिर्राज महाराज एवं मंदिर के प्रतिष्ठाता आचार्य केशव गोस्वामी महाराज की विग्रहों को एक-एक करके जयकारे लगाते एवं कीर्तन करते हुए पूर्ण विधि विधान के साथ नवीन मंदिर में प्रतिष्ठित किया। तदोपरान्त श्रील नारसिंह महाराज भक्ति गोविन्द महाराज (कलकत्ता) भक्ति गोविन्द महाराज सिलीगुड़ी भक्तिवेदान्त जनार्दन महाराज भक्तिवेदान्त हरिजन महाराज एवं अन्य गौड़ीय सन्यासी एवं आचार्यों द्वारा श्रील भक्तिवेदान्त वामन गोस्वामी महाराज एवं श्रील नारायण गोस्वामी महाराज के नवीन विग्रहों का पंचामृत अभिषेक एवं अर्चन किया गया एवं विद्वान गौड़ीय वैष्णवों द्वारा मंदिर परिसर में हवन किया गया। इस दौरान प्रातः से ही मंदिर के प्रसादम् हॉल में सभी के लिए प्रसाद की व्यवस्था की गई जो दिन भर चलता रहा।
कार्यक्रम में भक्तिवेदान्त मधुसूदन महाराज प्रद्युम्न बाबाजी महाराज रामानन्द प्रभु सविता दीदी सुश्री मधु खण्डेलवाल पीताम्बर प्रभु गिरिधारी प्रभु श्रीराम प्रभु निताई प्रभु मिथुन प्रभु तमाल प्रभु शिवानन्द प्रभु सचिन दास मोहनदास प्रमोद प्रभु हरदेव प्रभु शुभानन्द मथुरा-वृन्दावन के अनेक सन्त-महन्त एवं देशी विदेशी भक्तों के सहित अनेक बृजवासी भक्त उपस्थित रहे।