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खतौनी और राजस्व अभिलेखों में हेराफेरी कर फर्जी खसरा-खतौनी जारी करने वाले तहसील सिकंदराराऊ के संविदाकर्मी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उसे न्यायालय में पेश कर जेल भेज दिया गया। 50 से अधिक लोगों को उसने फर्जी तौर पर जमीनों का मालिक बना दिया था। जमीन किसी की थी, उसमें फर्जी तौर पर सह खातेदार के नाम जोड़ दिए। सरकारी जमीनों का मालिक भी कुछ लोगों को बना दिया।
गिरफ्तार आरोपी दलवीर सिंह कस्बे की नई कॉलोनी दमदपुरा का रहने वाला है और वह तहसील में संविदा पर कंप्यूटर ऑपरेटर और तकनीकी सहायक के तौर पर काम कर रहा था। गत वर्ष नवंबर माह में उसके खिलाफ राजस्व निरीक्षक रामवीर सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी और उस पर कंप्यूटर में हेरा-फेरी कर कई लोगों को फर्जी खसरा-खतौनी और अन्य अभिलेख जारी करने का आरोप लगाया था। इन पर लोगों ने बैंकों से ऋण भी ले लिया था।
इसके खिलाफ 50 से अधिक लोगों के नाम अभिलेखों में हेरफेर करने का आरोप लगाया गया था। कुछ लोगों के नाम जमीन के असली मालिकों के साथ फर्जी तौर पर जोड़ दिए थे। ग्राम समाज की ऊसर जमीन,चरागाह, आबादी में सुरक्षित जमीन, खाद के गड्ढों की जमीन, पौधरोपण के लिए सुरक्षित जमीन का मालिक कुछ लोगों को बना दिया।
तहसील बार एसोसिएशन ने इसकी शिकायत की थी, जिसके बाद जांच की गई तो गांव गुलाबपुर, दौलतपुर, ग्राम खेड़िया, नगला विजन, टीकरी खुर्द आदि गांवों का यह बड़ा भूमि घोटाला सामने आया था। कोतवाली पुलिस ने दलवीर सिंह को 10 फरवरी को कस्बे के मोहल्ला दमदपुरा नई कॉलोनी से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस का दावा है कि वह गिरफ्तारी के समय कहीं भागने की तैयारी कर रहा था और सूचना मिलने पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया।