वर्ष 2025 तक टीबी को खत्म करने का है लक्ष्य
बलिया। टीबी मरीजों को निक्षय पोषण योजना के तहत पौष्टिक आहार के लिए उपचार के दौरान (छह माह) हर महीने मिलने वाली राशि अब पांच की जगह दो किस्तों में मिलेगी। टीबी से पीड़ित व्यक्ति को उपचार शुरू होने पर दी जाने वाली पहली लाभ राशि को 1500 रुपये करने का निर्णय लिया गया है। इसके बाद दूसरा लाभ उपचार शुरू होने की तारीख से 84 दिन (उपचार के तीन महीने) पूरे होने पर (1500 रुपये) मिलेगा। यह व्यवस्था जनवरी 2024 से लागू कर दी गई है। यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ.विजय यादव ने दी।
उन्होंने बताया कि अपर सचिव एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक एलएस.चांगसन ने दिशा-निर्देश जारी किये हैं। मिशन निदेशक की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि भारत सरकार 2030 के वैश्विक लक्ष्य से पांच साल पहले, वर्ष 2025 तक टीबी को समाप्त करने के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) को प्राप्त करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य के साथ राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) संचालित कर रही है। एनटीईपी ने विभिन्न उपाय किए हैं। जिसमें वर्ष 2025 तक टीबी को खत्म करने की भारत की प्रतिबद्धता को पूरा करना है। बताया कि प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) जिसमें निक्षय पोषण योजना (एनपीवाई) के तहत अधिसूचित सभी टीबी रोगियों को उपचार की पूरी अवधि के लिए 500 रुपये प्रति माह का लाभ प्रदान किया जाता है। वर्तमान में टीबी मरीज को निक्षय पोषण योजना के तहत 1000 रुपये का पहला लाभ डीबीटी के माध्यम से दिया जाता है। इसके बाद 500 रुपये का दूसरा लाभ टीबी उपचार की तारीख से 56 दिन पूरे होने पर दिया जाता है। शुरुआत के बाद उपचार अवधि के हर महीने के लिए 500 रुपये का लाभ मिलता है। अब टीबी से पीड़ित व्यक्ति का उपचार शुरू होने पर दी जाने वाली पहली किस्त के रूप में1500 रुपये करने का निर्णय लिया गया है।
इसके बाद दूसरी किस्त के रूप में 1500 रुपये उपचार शुरू होने की तारीख से 84 दिन पूरे होने पर दिये जाएंगे।यह परिवर्तन प्रभावी रूप से पांच सौ रुपये की मौजूदा पांच कस्तों (औसतन छह महीने के उपचार के लिए दिये जाने वाले तीन हजार रुपये) से घटाकर दो किस्तों में कर दिया गया है। इससे फील्ड कर्मचारियों का बोझ कम हो जाएगा। हालांकि निक्षय पोषण योजना के तहत टीबी से पीड़ित व्यक्ति को उपचार की कुल अवधि के लिए 500 रुपये प्रति माह की कुल पात्रता समान रहेगी। संशोधित लाभ सभी टीबी रोगियों के लिए लागू किया जाएगा। जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि टीबी मरीज को उपचार के दौरान पौष्टिक आहार की जरूरत होती है। दवा के साथ-साथ पौष्टिक आहार मिलने से टीबी मरीज की रिकवरी जल्दी होती है। सरकार इसके लिए मरीज को उपचार चलने तक हर माह पांच सौ रुपये प्रदान करती है। यह राशि मरीज के खाते में सीधे भेजी जाती है। आमतौर पर छह माह के उपचार से टीबी मरीज ठीक हो जाता है। औसतन एक मरीज को तीन हजार रुपये उपचार के दौरान पांच किस्तों (एक हजार पहली किस्त के रूप में उसके बाद पांच-पांच सौ रुपये चार बार) में मिलते थे। सरकार ने अब इस राशि को दो किस्तों में देने का निर्णय किया है। उन्होंने कहा सरकार के इस निर्णय से मरीजों को लाभ मिलेगा।
जनपद में टीबी के मरीज:
बलिया। जिला क्षय रोग इकाई के जिला कार्यक्रम समन्वयक आशीष सिंह ने बताया कि जिले में इस समय 3980 मरीजों का इलाज चल रहा है। इनमें से 183 एमडीआर टीबी के रोगी हैं | जनवरी 2023 से अब तक कुल 6740 टीबी रोगी नोटिफाई किये जा चुके हैं। वर्ष 2019 से अब तक निक्षय पोषण योजना में क्षय रोगियों को 4.54 करोड़ रुपए का भुगतान डीबीटी के द्वारा किया जा चुका है।
क्षय रोग के लक्षण :
बलिया। जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि दो सप्ताह या अधिक समय तक खांसी आना, खांसी के साथ बलगम आना, बलगम में कभी-कभी खून आना, सीने में दर्द होना, शाम को हल्का बुखार आना, वजन कम होना और भूख न लगना टीबी के सामान्य लक्षण हैं । इस तरह के लक्षण नजर आने पर तुरंत टीबी की जांच करानी चाहिए।