देहरादून। प्रदेश के 10 हजार के करीब छोटे-बड़े सर्राफा कारोबारियों के लिए राहत की खबर है। लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें मार्गों पर फ्लाइंग स्क्वायड, सर्विलांस व अन्य जांच टीम अनावश्यक परेशान नहीं करेंगी। इस संबंध में सर्राफा मंडल देहरादून की मांग पर मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय की ओर से सभी जिलाधिकारियों/जिला निर्वाचन अधिकारियों को आदेश जारी किया गया है। ताकि जांच पूरी होने तक आभूषण, नकदी आदि को जब्त करने की नौबत न आए।
सर्राफा मंडल देहरादून के अध्यक्ष सुनील मैसोन व महासचिव अमित वर्मा ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को चुनाव में हो रही परेशानी को लेकर पत्र लिखा था। जिसमें कहा गया कि आभूषण विक्रेता या उनके प्रतिनिधि अपने साथ सोना, चांदी, रत्न, हीरे व नकदी लेकर चलते हैं। साथ ही यात्रा के दौरान असलहा भी साथ रखा जाता है। इनका चुनाव से कोई संबंध नहीं है और न ही इन वस्तुओं का प्रयोग चुनाव में किया जाता है।
सर्राफा मंडल ने यह भी कहा कि जो भी आभूषण या सोना-चांदी कारोबारी साथ लेकर चलते हैं, उसके वैध दस्तावेज भी साथ होते हैं। लिहाजा, चुनाव के दौरान में आवश्यक दस्तावेजों की जांच की व्यवस्था होनी चाहिए।
इस पर सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी मस्तू दास की ओर से जारी पत्र में स्पष्ट किया गया है कि किन आवश्यक दस्तावेजों की जांच के बाद आभूषण विक्रेताओं को राहत दी जा सकती है। लिहाजा, चुनाव ड्यूटी में लगी जांच व सर्विलांस टीम इन्हीं दस्तावेजों की जांच कर स्थिति स्पष्ट कर सकती है।
इन दस्तावेजों को रखना होगा साथ इशू/रिसीव/सेल-परचेस वाउचर। नकदी से संबंधित या उसे सपोर्ट करते दस्तावेज/डिक्लेरेशन/सेल बुक या बैंक में जमा की जाने वाली नकदी संबंधी दस्तावेज। फर्म की ओर से जारी अथारिटी या डिक्लेरेशन लेटर में उस व्यक्ति का नाम, जो वस्तुओं को लेकर जा रहा है। संबंधित व्यक्ति का आधार या पैन कार्ड। बैंक में कैश जमा कराने की दशा में अथॉरिटी लेटर। असलहे का लाइसेंस।
सार्वजनिक रूप से न खोले जाएं सोना-चांदी
मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के पत्र के मुताबिक, सर्राफा मंडल की इस मांग को भी जिलाधिकारियों को अवगत कराया गया है कि सोने-चांदी आदि को सार्वजनिक रूप से न खोला जाए। क्योंकि, इससे संबंधित कारोबारी की जान-माल को खतरा पैदा हो सकता है।