सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी अंकित तिवारी की जमानत राहत को बरकरार रखी है कोर्ट ने अंकित तिवारी की जमानत शर्त में छूट बरकरार रखी. ईडी अधिकारी अंकित तिवारी पर तमिलनाडु में कथित रिश्वत लेने का आरोप है इस मामले में अंकित तिवारी को पिछले साल दिसंबर में गिरफ्तार किया गया था
वहीं, मद्रास हाईकोर्ट से जमानत याचिका खारिज होने के बाद ईडी अधिकारी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था अंकित तिवारी को इसी साल मार्च में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली थी जिसमें कोर्ट ने अंकित तिवारी को जमानत शर्तों में छूट दी थी अंकित को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए कोर्ट में पेश होने की इजाजत दी गई थी वहीं, कोर्ट ने इसे बरकरार रखा है
जमानत की शर्त में छूट के लिए SC का किया था रुख
ईडी अधिकारी अंकित तिवारी मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं ऐसे में कोर्ट ने उन्हें वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए तमिलनाडु कोर्ट में पेश होने की इजाजत दी पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने अंकित तिवारी को तमिलनाडु से मध्य प्रदेश जाने की इजाजत दी थी इससे पहले मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने शर्त लगाई थी कि अंकित जमानत के वक्त तमिलनाडु से बाहर नहीं जाएंगे
वहीं, अंकित तिवारी ने जमानत की शर्त में छूट के लिए फिर से सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था उसमें कोर्ट ने अंकित पर कई तरह की पाबंदियां लगाई थीं मसलन, तिवारी पर केस से जुड़े किसी भी गवाह से संपर्क करने पर रोक लगा दी गई थी साथ ही, बिना इजाजत के तमिलनाडु से बाहर जाने पर भी रोक लगा दी गई थी इसके साथ अंकित को अपना पासपोर्ट जमा करने को कहा गया था
डीवीएसी ने पिछले साल किया था गिरप्तार
ईडी अधिकारी अंकित तिवारी को पिछले साल दिसंबर में तमिलनाडु सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) ने गिरफ्तार किया था. ईडी अधिकारी पर तमिलनाडु सरकार के एक कर्मचारी से कथित तौर पर 20 लाख रुपये की रिश्वत लेने का आरोप था वहीं, कोर्ट ने अंकित को अंतरिम राहत में दी गई छूट को बरकरार रखा है