नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जेल में कैदियों के साथ जातिगत आधार पर होने वाले भेदभाव पर अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है विभिन्न राज्यों के जेल मैन्यूअल के ऐसे प्रावधान जिनमें जाति के आधार पर काम का बंटवारा हो, असंवैधानिक है।
कोर्ट ने कहा कि इस तरह के नियम औपनिवेशिक मानसिकता का उदाहरण हैं। कोर्ट ने सभी राज्यों को आज के फैसले के अनुसार तीन महीने में अपने जेल नियमों में बदलाव करने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दोषी या विचाराधीन कैदी के रजिस्टर में जाति के कॉलम को हटाया जाए। कोर्ट तीन महीने बाद इस मामले की दोबारा सुनवाई करेगा। इस बीच सभी राज्यों को अपने जेल मैन्युअल में बदलाव करना होगा।