दिल्ली में प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली, राजस्थान, पंजाब और यूपी सरकार से पूछा था कि GRAP-4 की पाबंदियां लागू होने के बाद कितने मजदूरों को हर्जाना दिया है।
इसे लेकर आज दिल्ली सरकार की तरफ से सीनियर एडवोकेट शादान फरासत ने कहा कि हमने 90 हजार मजदूरों को 2 हजार का भुगतान किया है।
इस पर कोर्ट ने कहा कि 90 हजार मजदूर 8 हजार रुपए के हकदार हैं। आप बचे हुए 6 हजार कब तक देंगे। क्या आप मजदूरों को भूखा रखना चाहते हैं। हम कंटेप्ट नोटिस जारी कर रहे हैं।
इसके जवाब में दिल्ली सरकार के चीफ सेक्रेटरी ने कहा कि हम कल तक भुगतान कर देंगे।
एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन बोला- दिल्ली में प्रदूषण कम हुआ, पाबंंदियां हटाई जाएं इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने GRAP पाबंदियों को लेकर कमेटी फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) से सवाल-जवाब किया। इस पर CAQM की तरफ से ASG ऐश्वर्य भाटी ने कहा कि दिल्ली की हवा में प्रदूषण कम हुआ है। इसलिए अब हमें GRAP की पाबंदियां कम करने की जरूरत है।
ASG ने कहा कि AQI लेवल में बहुत ज्याद उतार-चढ़ाव हो रहे हैं। दिल्ली में नवंबर-दिसंबर में हमेशा ऐसे ही हाल रहते हैं। हमारे वातावरण और मौसम को के हिसाब से हमारे यहां की हवा यूरोपीय देशों जैसी नहीं हो सकती। इसलिए AQI लेवल के हिसाब से ही ग्रैप रिस्ट्रिक्शन लगाए जाएं। अगले एक हफ्ते के AQI अनुमान के हिसाब से हम ग्रैप 2 लेवल की पाबंदियां लगाने का सुझाव देते हैं।
दिल्ली की हवा सुधरी दीवाली के बाद से लगातार खराब होती दिल्ली की हवा गुरुवार को बेहतर हुई। सुबह 8 बजे दिल्ली का AQI 161 दर्ज किया गया। यह मीडियम कैटेगरी में आता है। हालांकि बढ़ती ठंड की वजह से स्मॉग की परत भी देखी गई। इससे पहले दिल्ली का AQI खराब, बहुत खराब या खतरनाक कैटेगरी में ही दर्ज किया जा रहा था। कुछ इलाकों में AQI 127 तक भी नीचे आ गया है।
राजस्थान सरकार के वकील ने कोर्ट को बताया कि NCR रीजन में राजस्थान के दो जिले हैं। 3526 मजदूर हैं। इनमें से 2062 मजदूरों का भुगतान हो गया है। टोटल अमाउंट- 76 लाख 59 हजार रुपए है। बचा हुआ भुगतान हम 1 से 2 दिन में कर देंगे। हमने और लेबर इंस्पेक्टर भी अपॉइंट किए हैं।
हरियाणा सरकार ने 2 लाख 57 हजार मजूदर हैं। इनमें से 1 लाख 6 हजार का भुगतान हो चुका है। सभी मजदूरों को मैसेज गया है।
उत्तर प्रदेश ने बताया कि मजदूरों के लिए 97 करोड़ का अलॉटमेंट किया गया है। 4,88,246 मजदूरों में से 8,046 मजदूरों को भुगतान किया है।