शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने अकाली सरकार के दौरान हुई सभी गलतियों को स्वीकार कर लिया है जिसके बाद सुखबीर बादल और अन्य अकाली नेताओं को धार्मिक सजा का ऐलान किया गया सुखबीर सिंह बादल 5 गुरु घरों के बाहर हाथ में भाले लेकर सेवादार की सेवा करेंगे यह सेवा सुबह 9-10 बजे तक रहेगी इसके बाद एक घंटे तक लंगर में जूठे बर्तन को साफ करेंगे इसके अलावा सुखबीर सिंह बादल कीर्तन सुनेंगे और सुखमनी साहिब का पाठ करेंगे
धार्मिक सजा के तौर पर सुखबीर सिंह बादल सहित कोर कमेटी मेंबर और साल 2015 में कैबिनेट मेंबर रहे नेता 3 दिसंबर को 12 बजे से लेकर 1 बजे तक वॉशरूम साफ करेंगे. जिसके बाद नहाकर वो लंगर घर में सेवा करेंगे. बाद में श्री सुखमणि साहिब का पाठ करना होगा. श्री दरबार साहिब के बाहर बरछा लेकर बैठेंगे. उन्हें गले में तन्खैइया घोषित किए जाने की तख्ती पहननी होगी
नेताओं के इस्तीफे को अगले 3 दिन में स्वीकार किया जाए
शिरोमणि अकाली दल पार्टी से जिन नेताओं ने इस्तीफे दिए, उन्हें अगले 3 दिनों में स्वीकार किया जाए. शिरोमणि अकाली दल से बागी होने वाले नेताओं को फटकार लगी है. शिरोमणि अकाली दल के साथ चलने की नसीहत दी गई है. इसके अलावा शिरोमणि अकाली दल आने वाले समय में पार्टी की नई कमेटी को लेकर चर्चा करे और नियुक्तियां करे. साथ में स्पष्ट किया गया है कि ये सारी प्रक्रिया चुनावी तरीके से हो.
सुखबीर सिंह बादल के अपराध
सरकार में सांप्रदायिक मुद्दों से ध्यान भटकना
सिख युवाओं पर अत्याचार करने वाले अधिकारियों को पदोन्नति दी गई
राम रहीम के खिलाफ दर्ज केस वापस ले लिया गया
उन्होंने चंडीगढ़ स्थित अपने आवास पर जत्थेदारों को बुलाया और राम रहीम को माफ करने को कहा
पवित्र छवियों की चोरी और अपमान के मामलों की जांच नहीं की गई
संगत पर लाठीचार्ज और फायरिंग की गई
युवाओं पर हुए अत्याचार की जांच के लिए कोई कमेटी नहीं बनी
शिरोमणि कमेटी की ओर से राम रहीम के माफीनामे के विज्ञापन छपवाए गए
अकाली दल का अपने मुद्दों से भटकना शर्मनाक- जत्थेदार
श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि यह शर्म की बात है कि श्री अकाल तख्त साहिब से बनी पार्टी अपने मुद्दों से भटक कर सिखों के मुद्दों पर बात करने में आज सबसे आगे खड़ी है.
पांच तख्तों के जत्थेदारों के सामने हुए पेश
पांच तख्तों के जत्थेदारों के सामने सुखबीर बादल समेत अकाली दल के अन्य कई नेता मौजूद रहे. सुनवाई के दौरान सुखबीर बादल ने श्री अकाल तख्त साहिब के सामने सत्ता में रहने के दौरान की गई अपनी गलतियां मानी.
इसके अलावा डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को श्री गुरु गोविंद सिंह की तरह पोशाक पहनने के मामले में माफी दिलवाने को लेकर भी सुखबीर बादल ने अपनी गलती मानी. उस दौरान सुखबीर बादल पंजाब सरकार में डिप्टी सीएम के पद पर थे.
फख्र ए कौम का पुरस्कार वापस लिया गया
श्री अकाल तख्त साहिब द्वारा दिवंगत पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल को दिया गया फख्र ए कौम पुरस्कार वापस ले लिया गया है. क्योंकि जिस वक्त ये सारी गलतियां हुईं, उस वक्त वो राज्य के मुख्यमंत्री थे.
क्या होती है तनखैया की सजा?
सिख धर्म को छोड़ दें तो आम लोगों को तनखैया की सजा के बारे में बहुत कम होगा. इसका मतलब होता है कि धार्मिक गुनहगार या फिर दोषी व्यक्ति जिसका हुक्का-पानी बंद कर दिया जाता है. जब कोई सिख सिख अपने धार्मिक नियमों को ताक पर रखकर कोई फैसला लेता है तो अकाल तख्त को अधिकार है कि उसे उचित सजा दे. तनखैया घोषित किया गया व्यक्ति ना तो किसी भी तख्त पर जा सकता है और ना किसी सिंह से अरदास करवा सकता है, अगर कोई उसकी तरफ से अरदास करता है तो उसे भी कसूरवार माना जाता है.
तनखैया करार देने के बाद कौन सी सजा मिलती है?
अकाल तख्त साहिब की ओर से जब किसी शख्स को तनखैया करार दिया जाता है तो इस दौरान मिलने वाली सजा का कड़ाई से पालन करना होता है. दोषी व्यक्ति को पूरे सिखी स्वरूप में सेवा देनी होती है. उसे पांचों ककार (कच्छा, कंघा, कड़ा, केश और कृपाण) धारण करके रखने होते हैं. इसके अलावा शारीरिक स्वच्छता का भी पालन करना होता है. रोजाना अरदास में शामिल होना पड़ता है. सजा की अवधि तक व्यक्ति को गुरुद्वारा साहिब में ही रहना पड़ता है. मतलब घर जाने की भी मनाही रहती है. परिवार के सदस्य गुरुद्वारा साहिब में आकर मुलाकात कर सकते हैं, लेकिन दोषी व्यक्ति को वहां से बाहर जाने की अनुमति नहीं रहती है.