जयपुर । पर्व हरियाली तीज का पर्व शनिवार को हर्षों उल्लास के साथ मनाया जाएगा। इस दिन सुहागिन महिलाएं लहरिया पहन कर अखंड सौभाग्य के लिए तीज माता का पूजन करेंगी और पकवानों का भोग लगाएगी। इधर कुंवारी कन्याएं अच्छे वर की कामना और सुख समृद्धि के लिए माता गौरी की पूजा अर्चना करेगी।
सिटी पैलेस से निकलेगी तीज माता की दो दिवसीय शाही सवारी
सिटी पैलेस से निकलने वाली तीज माता की दो दिवसीय शाही सवारी शनिवार और रविवार को निकलेगी। सिटी पैलेस से तीज के मौके दो दिन त्रिपोलिया गेट से शाही सवारी निकाली जाएगी। तीज के दिन राजपरिवार के सदस्य महल में ही तीज माता की पूजा अर्चना करेंगे। इसके बाद तीज माता की पारंपरिक सवारी त्रिपोलिया गेट (सिटी पैलेस) से प्रारम्भ होकर त्रिपोलिया बाजार, छोटी चौपड़, गणगौरी बाजार, गणगौरी दरवाजा से होते हुए तालकटोरा पहुंचेगी। इस तीज माता के जुलूस में ख्यातनाम लोक कलाकार कच्ची घोड़ी, कालबेलिया, बहरूपिया, अलगोजा, गैर, चकरी आदि पारम्परिक नृत्यों एवं प्रस्तुतियों का प्रदर्शन कर राजस्थानी संस्कृति को साकार करते दिखेगे। जुलूस में तोप गाडी, सुसज्जित रथ, घोडे और ऊंट भी सम्मिलित होने। साथ ही तीज की सवारी के ठीक पीछे पारम्परिक पोशाक कलश लिए महिलाओं का दल और सबसे पीछे अश्वरोहि पुलिस दल भी चलता दिखाई देगा। शाही सवारी को देखने के लिए हजारों की संख्या में देसी और विदेशी पर्यटक जुटेगें। अगले दिन सोमवार को बुढ़ी तीज के रूप मे शाही सवारी निकाली जाएगी। इधर शुक्रवार को महिलाओं के अखंड सुहाग का पर्व सिंजारा पर्व मनाया गया। इस दौरान महिलाएं मेहंदी लगाकर और सोलह श्रृंगार किया गया। वहीं दूसरी ओर नवविवाहिताओं के लिए ससुराल से सिंजारा भेजा गया। जिसमें चुनरी, गहने, कपड़े, घेवर, मिठाई और फल आदि भेजे जाएगे।
आराध्य देव को लगा खीर-घेवरों का भोग
सिंजारे पर राजधानी जयपुर के मंदिरों में भी कई आयोजन होंगे। गोविंददेवजी में राजभोग झांकी में खीर घेवर का भोग लगाया गया। बड़ी चौपड़ के लक्ष्मीनारायण बाईजी मंदिर में ठाकुरजी को खीर व घेवर का भोग लगाया गया और माता को मेहंदी लगाई गई। इसके साथ ही चूंदड़ी की पोशाक धारण करवाई गई। इसके अलावा चांदनी चौक के आनंद बिहारी जी मंदिर में सिंजारा मनाया गया। राधा जी को घेवर का भोग लगाया गया। इसके साथ ही मेहंदी रचाई गई। चौडा रास्ता स्थित राधा दामोदर मंदिर, पुरानी बस्ती स्थित राधा गोपीनाथ जी मंदिर, बड़ी चौपड़ स्थित लक्ष्मीनारायण मंदिर और पानों का दरीबा स्थित सरस निकुंज में भी भगवान को खीर घेवर का भोग लगाया गया।
घेवरों की महक से महकी राजधानी
तीज के त्योहार को लेकर बाजार सजकर तैयार है। बाजार में घेवरों की दुकानों पर दिनभर घेवर बन रहे है। मुख्य बाजारों के साथ इस बार गलियों-कॉलोनियों में भी घेवरों की दुकानें लगी है, जहां घेवरों की ब्रिकी शुरू हो चुकी है। तीज को लेकर दुकानदारों में इस साल अधिक घेवर तैयार किए है। तीज का त्योहार शनिवार को मनाया जाएगा,वहीं इससे एक दिन पहले शुक्रवार को सिंजारा मनाया जा रहा है।
परकोटे में जौहरी बाजार, गोपाल जी का रास्ता, हनुमान जी का रास्ता सहित अन्य बाजारों के साथ बाहरी बाजारों में भी दुकानों पर घेवर बिक रहे है। वहीं सुबह से रात कि घेवर बन रहे है। बाजार में व्यापारी उत्साहित नजर आ रहे है। दुकानदार ने बताया कि बाजार में देशी घी के घेवर 500 से 900 रुपए किलो तक बिक रहे है, वहीं देशी घी के अलावा अन्य घेवर 200 रुपए से लेकर 400 रुपए किलो तक बिक रहे है। मीठे देशी घी के घेवर 500 रुपए से लेकर 700 रुपए किलो में बिक रहे है, जबकि फिके घेवर 700 से 900 रुपए किलो में बिक रहे है। बाजार में रबडी के घेवर 600 से एक हजार रुपए किलो तक बिक रहे है। इस बार तीज के त्योहार को लेकर ग्राहकी अच्छी हो रही है। इसके अलावा तीज के त्योहार को लेकर इस बार सड़क किनारे भी घेवरों की दुकानें सजी है।