धर्मशाला। प्रदेश की सुक्खू सरकार आर्थिक रूप से वेंटिलेटर पर आ गई है। यह शब्द मंगलवार को भाजपा के प्रदेश महामंत्री त्रिलोक कपूर ने धर्मशाला में आयोजित एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि प्रदेश की सुक्खू सरकार अपने कुशासन और कुप्रबंधन के चलते आर्थिक बोझ तले दब गई है। जिसके कारण आज नही तो कल इस सरकार का जाना तय है। प्रदेश महामंत्री ने कहा कि भाजपा ने पिछले पांच वर्षों में 27 हजार करोड़ का ऋण लिया था। जिसके फल स्वरूप जहां प्रदेश के समुचित विकास के लिए एक बराबर रफ्तार दी वहीं कोरोना जैसी महामारी के विरुद्ध लड़ने में भी कामयाब हुई, लेकिन उस समय न तो किसी की सैलरी एक दिन भी लेट हुई और न ही पैंशनर्स को परेशान होना पड़ा।
भाजपा नेता ने कहा कि बेरोजगारों को रोजगार मिला, हर छोटे से छोटे और बड़े से बड़े जनप्रतिनिधियों के आग्रह पूर्वक जो भी संस्थान खोलने की आवश्यकता महसूस हुई, किसी को निराश नहीं किया गया। लेकिन दूसरी तरफ कांग्रेस के डेढ़ वर्ष के कुशासन में 30 हजार करोड़ लोन लेने के बावजूद आज प्रदेश का हर वर्ग सरकार की नालायकी के कारण अपने भविष्य की चिंता में डूब गया है।
उन्होंने कहा कि जहां सरकार को विकास की योजनाओं पर काम करना चाहिए वहीं सरकार विकास के बजाय कर्मचारियों को वेतन कैसे दें इस जुगाड़ में जूझ रही है। नई व्यवस्था परिवर्तन का ढोंग पीटने वाली सुक्खू सरकार असंवैधानिक रूप से आधा दर्जन सीपीएस की फौज तैनात न करती और छोटे से राज्य में एक दर्जन सलाहकारों की बटालियन न बनाती, अपने मित्रों को खुश करने के लिए एक मुश्त एक एक लाख रुपए सैलरी न बढ़ाती तो निश्चित रूप से आज प्रदेश की ऐसी आर्थिक स्थिति नहीं होती।
उन्होंने प्रदेश सरकार से यह मांग की है कि डेढ़ वर्ष में जो 30 हजार करोड़ का लोन लिया है उस पर श्वेत पत्र जारी करे ताकि प्रदेश की जनता को यह जानकारी प्राप्त हो सके कि लिए गए ऋण की राशि किस-किस को खुश करने के लिए इस्तेमाल की गई है।